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शहर में एक बार फिर बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। चंडीगढ़ के साथ हरियाणा के लगते इलाकों में जहां पोल्ट्री फॉर्म है वहां पर इन दिनों मुर्गियों के रहस्यमयी बिमारी के चलते मरने से खतरा मंडरा रहा है। विभाग की ओर से मरी हुई मुर्गियों को जांच के लिए लैब में भेजा गया है,जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी जानकारी पता लगेगी। बरवाला और रायपुररानी इलाके के पोल्ट्री फार्म से चंडीगढ़ में अंडों व चिकन सप्लाई होती है। अब जब बर्ड फ्लू को लेकर चर्चा हाेने लगी है तो लोग भी अंडों व मीट के प्रति परहेज करने लगे है।
चंडीगढ़ में 2014 में फैला था बर्ड फ्लू
शहर की सुखना लेक में बर्ड फ्लू फैलने के कारण साल 2014 में 100 से ज्यादा बत्तखों को विभाग की ओर से मार कर जला दिया गया था। सुखना लेक की शान बत्तखों को बर्ड फ्लू की बिमारी विदेशों से आने वाले पक्षियों के कारण हुई थी। इस बार भी सुखना लेक में काफी संख्या में विदेशी पक्षी आए हुए है।
सुखना में लोगों को जाने से मनाही कर दी थी
सुखना लेक पर जब 2014 में पिछली बार बर्ड फ्लू फैला था तो सुखना लेक की घेराबंदी करके किसी भी लोग को वहां जाने से पूरी तरह से मनाही कर दी गई थी। उस समय लेक पर एक विदेशी पक्षी मृत मिला था जिसके बाद उसकी जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद बत्तखों की जांच की गई। लेक पर बोटिंग और पर्यटन को लेकर सारी गतिविधियों को बंद करवा दिया गया था। पुलिस को लेक पर तैनात करके अधिकारियों की निगरानी में खूबसूरत बत्तखों को बेदर्दी से मौत के घाट उतार दिया गया था।
हिमाचल से आया खतरा
हिमाचल के पौंग डैम में भी पिछले कुछ दिनों से कई विदेशी पक्षियों के बर्ड फ्लू के चलते मारे जाने के कारण अब सुखना लेक पर भी विदेशों से आए पक्षियों को लेकर संबंधित विभाग सचेत हो गए है। कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी पक्षी में कोई संवेदनशील लक्षण पाए जाते हैं या कोई पक्षी संदेह अवस्था में मृत पाया जाता है तो नमूना लिया जाएगा।
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