खेल:इंडियन फुटबॉल लौटेगा मैदान पर, सिटी स्टार गुरप्रीत संधू ने कहा- पहले के मुकाबले आज भारतीय फुटबॉल पूरी तरह से बदला

चंडीगढ़2 वर्ष पहले
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सिटी सॉकर स्टार और अर्जुन अवॉर्डी फुटबॉलर गुरप्रीत संधू । - Dainik Bhaskar
सिटी सॉकर स्टार और अर्जुन अवॉर्डी फुटबॉलर गुरप्रीत संधू ।
  • एक बातचीत में संधू ने बताया कि पहले के मुकाबले आज भारतीय फुटबॉल पूरी तरह से बदल गया है
  • एक बार फिर से एआईएफएफ नई शुरुआत करने को तैयार है और कोविड-19 के बाद ये एक बड़ा चैलेंज होगा

अवॉर्डी फुटबॉलर गुरप्रीत संधू खुश हैं कि भारतीय फुटबॉल एक बार फिर से पटरी पर लौट रहा है। उनका मानना है कि पहले के मुकाबले आज भारतीय फुटबॉल पूरी तरह से बदल गया है। अब एक बार फिर से एआईएफएफ नई शुरुआत करने को तैयार है और कोविड-19 के बाद ये एक बड़ा चैलेंज होगा। सिटी स्टार संधू ने कहा कि पिछले कुछ समय में हमने भारतीय फुटबॉल में बड़े बदलाव का अनुभव किया है। अगर हम पीछे मुड़कर देखें तो हम पाएंगे कि खिलाड़ियों, प्रशंसकों, क्लबों और पूरे फुटबॉल इको-सिस्टम के लिए कितने महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। संधू ने कहा कि हमने फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप की मेजबानी की है और अब हमें नवंबर में फीफा वुमन अंडर-17 वर्ल्ड कप की मेजबानी करनी है, ये बड़ी बात है।

ये साबित करता है कि एआईएफएफ और भारतीय फुटबॉल सही दिशा में बढ़ रहे हैं। इसके बाद हम 2022 में एएफसी वुमन एशिया कप की मेजबानी करेंगे और ये हमारे लिए गर्व की बात है।गौरव की कोई सीमा नहीं है क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद भी मेरा फुटबॉल परिवार एक बार फिर से देश में लौट रहा है। इस समय हर कोई अपने पसंदीदा फुटबॉलर्स को मैदान पर देखने को बेताब है और इसकी शुरुआत 8 अक्टूबर से आईलीग क्वालिफायर के साथ हो जाएगी। कोविद 19 लॉकडाउन के बाद से भारत में होस्ट की जाने वाली पहली लीग होगी। इसमें हम देखेंगे कि हम कैसे अपने आप में सुधार कर सकते हैं, कैसे नए चैलेंज ले सकते हैं और कैसे इंडियन फुटबॉल को एक साथ मिलकर आगे लेकर जा सकते हैं।

कुछ साल बाद सबकुछ बदल गया

मैंने जब से अपने फुटबॉल करियर की शुरुआत की है तब से एक बेहतर प्लेयर बनने का प्रयास किया है। नॉर्वे में स्टेबैक एफसी से खेलना मेरे करियर के लिए शानदार रहा। 2014 में जब मैं नॉर्वे गया तो भारतीय फुटबॉल की स्थिति अच्छी नहीं थी। मैं वहां भी नया सीखने को उत्सुक रहता था। वहां पर हमें आधुनिक तकनीक, स्पेशल ट्रेनिंग और अन्य बारीकियों के बारे में पता चला तो तब भारत में नहीं थे। जब मैं तीन साल के बाद आया तो सब कुछ बदल गया था। आधुनिक फुटबॉल की शुरूआत पहले ही हो चुकी थी, और हम सभी को इसके लिए एआईएफएफ की सराहना करने की जरूरत है।