चंडीगढ़ में लगातार साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ रही हैं। पुलिस द्वारा लोगों को साइबर टिप्स देने के बावजूद लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में चंडीगढ़ पुलिस ने एक साइबर ठग के माध्यम से लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया है। इंस्टेंट फर्जी लोन App के जरिए ठगी करने वाले गैंग का सरगना लोगों को क्राइम की 'मोडस ओपरेंडी' के बारे में बता रहा है।
इंस्टेंट लोन एप रैकेट के सरगना जीतू भडाना उर्फ परवेज आलम की वीडियो पुलिस ने अपलोड की है। इस वीडियो में जीतू भडाना बताता नजर आ रहा है किस प्रकार वह लोन देने के नाम पर लोगों को ब्लैकमेल कर पैसे ठगते थे। इसमें वह बताता नजर आ रहा है कि किस तरह लोन एप पर व्यक्ति की गैलरी और कांटेक्टस का एक्सेस लेकर लोगों की मोर्फ्ड वीडियो बनाई जाती थी। चंडीगढ़ पुलिस ने इस वीडियो के माध्यम से लोगों को समझाया है कि इस प्रकार की Apps को डाउनलोड न करें।
चाइनीज़ की फर्जी लोन एप में 25 पकड़े जा चुके
वहीं दूसरी ओर चंडीगढ़ पुलिस ने चाइनीज़ इंस्टेंट लोन एप रैकेट चलाने वाले गैंग के 4 और सदस्यों को पकड़ा है। इनमें टैक्स कंसल्टेंट/वकील और बैंक कर्मी भी शामिल हैं। दिल्ली NCR समेत राजस्थान के जोधपुर से आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। आरोपियों में UP के गाजियाबाद निवासी टैक्स कंसल्टेंट/वकील सुनील कुमार चौहान(46), दिल्ली के LLB स्टूडेंट अभिषेक कुमार(30), जोधपुर के शशिकांत यादव(30) तथा वहीं का अशोक कुमार(35) शामिल है। चारों आरोपियों का 26 सितंबर तक का रिमांड लिया गया है। पुलिस इनके साथियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
चाइनीज़ समेत 21 पकड़े थे
बता दें कि कुछ दिन पहले पुलिस ने एक चाइनीज़ समेत उसके गैंग के 20 सदस्यों को पकड़ा था। वह चाइनीज़ देश में गैरकानूनी रुप से वीज़ा खत्म होने के बाद भी रह रहा था। उसके गैंग में 60 के लगभग सदस्य थे। पांच राज्यों में रेड कर इन्हें पकड़ा गया था। पुलिस को पता चला था कि आरोपी Hugo लोन, क्वाइन कैश, AA लोन, AK लोन, विन क्रेडिट, आदि लोन Apps के जरिए लोगों को ठग रहे थे। यह वर्चुअल नंबरों का प्रयोग कर अपराध को अंजाम दे रहे थे।
वह सोशल मीडिया एप्लिकेशंस का भी प्रयोग अपराध में कर रहे थे। जिनमें डिंगटॉक, वीचैट, GB व्हट्स एप आदि शामिल हैं। आरोपी ठगी गई रकम को फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे। मनी लांडरिंग और हवाला कारोबार में यह रकम का इस्तेमाल करते थे। फर्जी कंपनियों का तैयार कर यह GST का भी लाभ लेते थे।
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