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MRP पर अलग से टैक्स वसूलना गलत:चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट का अमेजोन और क्लाउडटेल को जुर्माना भरने का आदेश

चंडीगढ़एक वर्ष पहले
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सेक्टर 19 स्थित चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट। - Dainik Bhaskar
सेक्टर 19 स्थित चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट।

यदि आप किसी दुकान, शोरूम, मॉल आदि से या ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म से MRP पर प्रोडक्ट खरीदते हैं और अलग से टैक्स वसूला जाए तो यह बिल्कुल गलत है।

चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट ने एक मामले में 49.90 रुपए GST के रूप में अलग से वसूलने को सेवा में कोताही और गलत व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होना बताया है। ऐसे में अमेजोन सेलर्स प्राइवेट लिमिटेड के दिल्ली और कर्नाटक स्थित ऑफिस को शिकायतकर्ता से वसूले 49.90 रुपए टैक्स (50 रुपए) वापस करने और 2500 रुपए हर्जाने के रूप में भरने के आदेश दिए हैं।

कंज्यूमर कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता को 33 प्रतिशत छूट (998 रुपए) देने के बाद छूट वाले प्रोडक्ट पर गलत तरीके से 49.90 रुपए का IGST लगाया गया। इसके चलते कोर्ट ने अमेजोन समेत क्लाउडटेल को अलग से GST की वसूली रकम वापस करने और शिकायतकर्ता को हुई मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के चलते हर्जाना भरने को कहा है।

दो जजमेंट्स का हवाला देते हुए समझाया

कंज्यूमर कोर्ट के सामने अहम सवाल था कि क्या MRP में सभी प्रकार के टैक्स शामिल होते हैं, जिसमें IGST भी है। वहीं क्या छूट के बाद IGST अलग से वसूला जा सकता है। कोर्ट से स्टेट कंज्यूमर कमीशन, चंडीगढ़ द्वारा 2015 के एक अपील केस में शॉपर्स स्टॉप एवं अन्य बनाम जशन प्रीत सिंह गिल व अन्यों के केस का फैसला सामने रखा।

इसमें कहा गया था कि MRP से ज्यादा रकम नहीं वसूली जा सकती और MRP में सभी प्रकार के टैक्स शामिल होते हैं, जिनमें VAT आदि भी शामिल होते हैं। वहीं फरवरी 2016 के एक अपीलीय केस का भी हवाला दिया गया। यह बेनेटन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बनाम रविंदर जीत सिंह का था। इसमें अपील केस रद्द करते हुए कहा गया था कि MRP में सभी टैक्स शामिल होते हैं।

टैक्स पर 5 प्रतिशत VAT वसूलना अवश्य ही व्यापारिक गतिविधियों के खिलाफ है। इन फैसलों को आधार बनाते हुए कहा गया कि MRP में सभी टैक्स शामिल होते हैं और छूट वाली आइटम पर अतिरिक्त रुप से IGST वसूलना अवश्य ही सेवा में कोताही और गलत व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होना है। इसलिए दोनों कंपनियों को हर्जाना भरना ही होगा।

फुटवियर पर अलग से टैक्स वसूला था

सेक्टर 11ए की मधु पी वर्मा की शिकायत पर अमेजोन को यह आदेश दिए गए हैं। अमेजोन सेलर्स प्राइवेट लिमिटेड के दिल्ली और कर्नाटक स्थित ऑफिस को इनके एमडी तथा हैदराबाद स्थित क्लाउडटेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को पार्टी बनाते हुए अगस्त,2019 में शिकायत दायर की गई थी। शिकायतकर्ता ने काल्टर्न लोडन वूमेन्स शायना ब्लैक पंप्स (फुटवियर) अमेजोन पर 33 प्रतिशत छूट पर खरीदे थे। इसका रेट सभी टैक्स मिला कर 2,995 रुपए था। क्लाउडटेल ने 20 जून 2019 को इसका 1048 रुपए का बिल बना दिया।

शिकायतकर्ता ने डिलिवरी पर रकम का भुगतान कर दिया। डिब्बा खोलने पर शिकायतकर्ता ने पाया कि आइटम का रेट 2,995 रुपए था। इसमें सभी प्रकार के टैक्स शामिल थे। इसके बावजूद 49.90 रुपए अतिरिक्त टैक्स वसूला गया। कंज्यूमर कोर्ट ने जांच पड़ताल के बाद इसे सेवा में कोताही और गलत व्यापारिक गतिविधियों में संलिप्त होना बताया। शिकायतकर्ता ने प्रतिवादी पक्ष (अमेजोन और क्लाउडटेल) के कस्टमर केयर नंबर पर भी संपर्क किया, मगर उन्हें राहत नहीं मिली, जिसके बाद यह केस दायर किया गया।

अमेजोन ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा था

क्लाउडटेल को कंज्यूमर कोर्ट ने नोटिस भेजा और कई अवसर प्रदान करने के बावजूद किसी के पेश न होने पर इसे एक्स पार्टी घोषित कर दिया। अमेजोन ने कहा कि वह कोई प्रोडक्ट सेल या सेल का ऑफर नहीं करते। इसके अलावा वह किसी प्रोडक्ट का अपनी वेबसाइट पर विज्ञापन या उसका समर्थन भी नहीं करते। वह सिर्फ एक ऑनलाइन मार्केट प्लेस उपलब्ध करवाता है, जिस पर स्वतंत्र रूप से थर्ड पार्टी अपने प्रोडक्ट सेल करती है।

ऐसे में अमेजोन ग्राहक और विक्रेता के बीच किसी भी वित्तीय विवाद के लिए जिम्मेदार नहीं है। शिकायतकर्ता ने उनके पास कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी। विक्रेता (क्लाउडटेल) द्वारा जारी इनवॉयस पर शिकायतकर्ता ने रकम भरी और इस रकम पर अमेजोन का कोई क्लेम नहीं है। उसने सिर्फ बीच में एक कड़ी का काम किया है। अमेजोन किसी व्यापारिक गतिविधि में शामिल नहीं है और न ही उसने संबंधित प्रोडक्ट तैयार किया और बेचा है।

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