कम मुआवजा देने और जमीन अधिग्रहण के विरोध में सिरसा जिले के डबवाली गांव के जलघर की टंकी पर चढ़े किसानों से बातचीत के लिए शुक्रवार रात को एसडीएम डबवाली पहुंचे। एसडीएम ने उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया। इसके बाद बातचीत के बाद तीनों किसान रात को नीचे उतर आए। हालांकि इससे पहले एक किसान राकेश की तबियत भी खराब हो गई थी।
राकेश के अनुसार, एसडीएम ने बताया कि जब तक किसानों के खाते में पूरा पैसा नहीं आएगा, तब तक किसान की जमीन में हाईवे का निर्माण नहीं किया जाएगा। एनएचएआई ने जिन किसानों की फसलें खराब की हैं, उनकी गिरदावरी करवाकर उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। हाईवे के अंदर आ रहे किसानों के मकान तभी तोड़े जाएं, जब तक किसान अपना मकान न बना लें। इसके अलावा 8 मांगें एसडीएम ने पूरी करने का आश्वासन दिया। बाकी मांगें पूरी करवाने के लिए उनका धरना टंकी से नीचे चलेगा।
दो मांगें राज्य सरकार के पास भेजी जाएंगी
9 गांवों की एक समान अवार्ड प्रति एकड़ एक करोड रुपए देने की मांग और ग्रीन कोरिडोर के दोनों ओर सर्विस रोड बनाने की मांग राज्य सरकार के पास भेजी जाएगी।
ये था पूरा मामला
सिरसा के डबवाली गांव में गुजरात के जाम नगर से पंजाब के अमृतसर के बीच बनने वाले भारत माला प्रोजेक्ट का विरोध किया जा रहा है। विरोध करते हुए डबवाली गांव में किसान राकेश फोगड़िया, सतनाम सिंह, सुरजीत सिंह गुरुवार को जलघर की टंकी पर चढ़ गए थे।
किसानों का कहना है कि भारत माला परियोजना के तहत एनएचएआई द्वारा जमीन अधिग्रहण का मुआवजा मार्केट रेट का चार गुणा दिया जाए। 9 गांवों की 700 एकड़ जमीन अधिग्रहण में एक समान मुआवजा नहीं है। चौटाला गांव में एक राजनेता की जमीन 80 लाख रुपए प्रति एकड़ अधिगृहित की गई है।
जबकि एनएचएआई ने किसी गांव को 10 लाख तो किसी को 27 लाख मुआवजा दिया है। एनएचएआई ने तीन गांवों की जमीनों का कब्जा लेकर उसमें खड़ी फसलें बर्बाद कर दी। जब तक मुआवजा पूरा नहीं मिलता, रोड का कार्य पूरा नहीं होने दिया जाएगा।
बता दें कि भारत माला प्रोजेक्ट योजना के तहत हाईवे डबवाली के करीब 9 गांवों से होकर गुजरता है। इसके लिए इन 9 गांवों की 700 एकड़ जमीन नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा अधिगृहित की जा रही है।
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