विधानसभा में विधायकों को अपने इलाके या प्रदेश के किसी भी मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगने के लिए अब सत्र का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कोई भी विधायक हर माह 3 सवाल पूछ सकेगा। इसके लिए उसे लिखित सवाल विधानसभा सचिवालय में जमा कराने होंगे। इसके बाद ये सवाल संबंधित विभाग को भेजे जाएंगे।
विभाग को 15 दिन में जवाब देना होगा। यह जवाब विधायकों को सत्र के दौरान अतारांकित प्रश्नों के जवाब की तर्ज पर दिए जाएंगे। यानी किसी मुद्दे पर एक सवाल के बाद दूसरा सवाल नहीं होगा। विधानसभा की ओर से इसे लेकर सभी विभागों को भी सूचित कर दिया गया है। ऐसा प्रयोग देश में पहली बार हो रहा है।
विधानसभा सत्र में इस तरह पूछे जाते हैं प्रश्न
प्रदेश में 90 विधायक हैं। इनमें 14 मंत्री हैं। ऐसे में 76 विधायक हैं, जो सत्र में सवाल लगाते हैं। सवाल 2 तरह के होते हैं। पहला-तारांकित यानी ऐसे प्रश्न, जिसका विधानसभा में लिखित जवाब दिए जाने के साथ ही संबंधित विभाग के मंत्री मौके पर जवाब देते हैं। दूसरे विधायक भी सवाल पूछ सकते हैं। दूसरा-अतारांकित, यानी विधायक की ओर से पूछे गए सवाल का सिर्फ लिखित जवाब दिया जाता है। इसमें विधायक दोबारा सवाल नहीं पूछ सकता है।
अब सालभर में 1500 के बजाय 2736 सवाल पूछ सकेंगे
फिलहाल विधानसभा की साल में औसत 25 सिटिंग होती हैं। ऐसे में सालभर में विधायक लगभग 1500 प्रश्न ही पूछ पाते हैं। अब हर माह 3 प्रश्नों की छूट मिलने से विधायक हर साल 2736 प्रश्न पूछ सकेंगे।
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