पंजाब के मोहाली में पुलिस ने एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट समेत दो आरोपियों को पकड़कर लग्जरी गाड़ियां चुराने वाली गैंग का पर्दाफाश किया। यह हाईटेक तरीके से गाड़ियों को चुराते थे। इनकी गिरफ्तारी से चोरी की 11 गाड़ियों के केस सुलझ गए हैं।
यह गैंग अहम रुप से हुंडाई कंपनी की गाड़ियों को चुराता था। एक आरोपी अकील अहमद के पास एक विशेष सॉफ्टवेयर और डिवाइस थे जिससे वह इन गाड़ियों की नकली चाबियां तैयार कर लेता था। पकड़े गए आरोपियों में हरियाणा निवासी अकिल अहमद समेत महाराष्ट्र का शेख रकीफ शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक अकिल गाड़ियों के ताले तोड़ने में माहिर था। जीरकपुर थाने में दर्ज एक केस की जांच के दौरान इस गैंग का भंडाफोड़ हुआ है।
SSP ने बताया कि यह गाड़ियां पुश बटन स्टार्ट होती हैं। इनमें एक सेंसर लगा होता है जो गाड़ी को स्टार्ट करने में मदद करता है। आरोपी 10 से 15 मिनट में गाड़ी के सेंसर की समानांतर चाबी तैयार करने में कामयाब हो जाते थे।
इंजीनियरिंग के बाद कंपनी में कई साल काम किया
आरोपी ज्यादातर क्रेटा, वरणा और आई20 गाड़ियों को चुराते थे। इन्होंने 8 गाड़ियां पंजाब, 2 हरियाणा से तथा 1 दिल्ली से चुराई थी। शेख अहमद फिलहाल पंचकूला में रह रहा था। वह फरीदाबाद के एक कॉलेज में M-Tech(कंप्यूटर साईंस) का स्टूडेंट था। वर्ष 2004 से 2012 तक उसने गुरुग्राम की एक कंपनी में टेक्निकल हैड के रुप में काम किया था। उसे कंपनी ने गलत काम करने के आरोप में निकाल दिया था। इसके बाद वह भरतपुर(राजस्थान) में गैरकानूनी माइनिंग में शामिल हो गया था। इसके बाद वर्ष 2016 में कार की सेल-पर्चेस का काम शुरु किया जो वर्ष 2021 तक चलाया। जिसके बाद वह कार चुराने के काम में पड़ गया।
उसका साथी शेख रकीफ पिछले 10 सालों से कारों की खरीद-फरोख्त का काम कर रहा था। गैंग का तीसरा सदस्य सोनू फरार है। वह पकड़े गए आरोपियों से चोरी की गाड़ियां खरीद कर आगे पंजाब और बाकी जगहों पर बेचता था। अकील इंजीनियरिंग का छात्र रहा है। ऐसे में उसे गाड़ियों की समानांतर चाबियां बनानी आती हैं।
पुलिस का कहना है कि आरोपी पहले भी चोरी की घटनाओं में नामजद हो चुके हैं। इनके रिमांड से और भी चोरी की वारदातें सामने आ सकती हैं। वहीं गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।
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