मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस चंडीगढ़ में लागू:ट्रांसपोर्ट विभाग ने जारी की नोटिफिकेशन; एग्रीगेटर्स के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा

चंडीगढ़4 महीने पहले
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प्रतीकात्मक तस्वीर। - Dainik Bhaskar
प्रतीकात्मक तस्वीर।

चंडीगढ़ के प्रशासक बीएल पुरोहित ने चंडीगढ़ में केंद्र सरकार की मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस, 2020 को चंडीगढ़ में तुरंत प्रभाव से लागू करने का ऐलान किया है। इसे लेकर चंडीगढ़ प्रशासन के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक नोटिफिकेशन भी जारी की है। सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट नितिन कुमार यादव ने यह आदेश जारी किए हैं।

प्रशासन द्वारा अप्रैल, 2017 में नोटिफाई किए गए 'चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स रुल्स, 2017' तथा मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज़ के 22 अगस्त, 2022 के लेटर को ध्यान में रखते हुए मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस, 2020 को लागू किया गया है।

केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल्स (संशोधन) एक्ट, 2019 के प्रावधानों और जरूरत के हिसाब से एवं मोटर व्हीकल्स एक्ट, 1988 की धारा 93 में किए गए संशोधन के हिसाब से मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस को जारी किया था। इन गाइडलाइंस के तहत टैक्सी सेवाएं संचालित करने वाली कंपनियों (एग्रीगेटर्स) को राज्य सरकारों से लाइसेंस लेना होगा। व्यवस्थित विफलता से यात्री और ड्राइवर की सुरक्षा का खतरा हुआ तो लाइसेंस निलंबित हो सकता है। लाइसेंस 5 साल के लिए मान्य होगा, जिसके बाद लाइसेंस के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होगी।

लाइसेंस की जरूरतों की पालना को सुनिश्चित करने के लिए, एक्ट के सेक्शन 93 के तहत जुर्माने का प्रावधान है। गाइडलाइंस का उद्देश्य एग्रीगेटर्स के लिए राज्य सरकारों द्वारा एक रेगुलेटरी व्यवस्था बनाना है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि एग्रीगेटर जवाबदेह हैं और उनके द्वारा किए जा रहे संचालन के लिए जिम्मेदार हैं।

चंडीगढ़ में लगातार ट्रैफिक बढ़ रहा है और टैक्सी सेवाएं भी बढ़ रही हैं।
चंडीगढ़ में लगातार ट्रैफिक बढ़ रहा है और टैक्सी सेवाएं भी बढ़ रही हैं।

गाइडलाइंस में एग्रीगेटर की परिभाषा को शामिल किया गया है। हर ड्राइव पर ड्राइवर को 80 प्रतिशत किराया मिलेगा। कंपनियों के खाते में सिर्फ 20 प्रतिशत जाएगा। एग्रीगेटर को बेस फेयर से 50 प्रतिशत कम किराया लेने की अनुमति होगी। यात्रा रद्द करने पर अधिकतम चार्ज किराए का 10 प्रतिशत होगा पर यात्री और ड्राइवर दोनों के लिए 100 रुपए से अधिक नहीं लगेगा।

एग्रीगेटर की जवाबदेही भी तय होगी
कारोबारी संचालन के लिए राज्य सरकारों द्वारा जारी लाइसेंस का पालन अनिवार्य है। केंद्र सरकार की गाइंडलाइंस का पालन हो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। गाइडलाइंस का उद्देश्य एग्रीगेटर के लिए राज्य सरकारों द्वारा एक रेगुलेटरी व्यवस्था बनाना है जिससे जवाबदेही तय हो।

यह फायदा होगा
एग्रीगेटर द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सेवा को सर्विस माना जाएगा। इससे रोजगार पैदा होगा। शेयरिंग सुविधा से खपत घटेगी साथ ही इम्पोर्ट बिल कम होगा। वहीं वाहनों से होने वाले प्रदूषण का स्तर घटेगा और इससे लोगों की सेहत को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।

एग्रीगेटर का अर्थ समझिए
एग्रीगेटर का अर्थ है - यात्रियों को परिवहन की मंशा के लिए ड्राइवर के साथ जुड़ने के लिए डिजिटल मध्यस्थ या मार्केटप्लेस। संबंधित एक्ट में संशोधन से पहले एग्रीगेटर का रेगुलेशन उपलब्ध नहीं था। इससे इज ऑफ डूइंग बिजनेस, ग्राहकों की सुरक्षा और ड्राइवर का वेलफेयर भी सुनिश्चित करना होता है।

गाइडलाइंस का उद्देश्य शेयर्ड मोबिलिटी को रेगुलेट करने के साथ ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करना है। एक्ट के तहत एग्रीगेटर द्वारा एकीकृत किए जाने वाले वाहनों में सभी मोटर व्हीकल्स और ई-रिक्शा शामिल होंगे।

इस लिंक पर जाकर केंद्र की संबंधित गाइडलाइंस को देखा जा सकता है।

file:///C:/Users/51442/Downloads/Motor%20Vehicle%20Aggregators27112020150046%20(1).pdf