प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में चूक के मामले में पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहली रिपोर्ट भेज दी है। सूत्रों के मुताबिक इसमें कहा गया है कि सरकार ने देर रात तक रूट क्लियर करवा दिया था। पीएम मोदी के काफिले के दौरान अचानक वहां प्रदर्शनकारी आ गए, जिन्होंने रोड जाम कर दिया। इस मामले में किसने लापरवाही बरती, इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार पंजाब पुलिस के अफसरों पर कार्रवाई कर सकती है। उन्हें दिल्ली तलब किया जा सकता है। इसके लिए एसपीजी एक्ट के उस सेक्शन पर विचार किया जा रहा है, जिसमें पीएम की सुरक्षा का जिम्मा राज्य की पुलिस का होता है।
24 घंटे में मांगी गई थी रिपोर्ट
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। जिसके बाद पंजाब सरकार ने कहा कि देर रात तक पंजाब पुलिस ने सारे रास्ते खाली करवा दिए थे। प्रदर्शनकारी अचानक सामने आ गए थे, जिसका पुलिस को भी अंदाजा नहीं था। हालांकि इसकी जांच करवाई जा रही है।
पंजाब सरकार ने बनाई है 2 मेंबरी कमेटी
पंजाब सरकार ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में 2 मेंबरी कमेटी बनाई है। जिसमें सेवामुक्त जस्टिस मेहताब सिंह गिल और पंजाब के गृह सचिव अनुराग वर्मा को शामिल किया गया है। सरकार ने कमेटी को 3 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
पीएम का रास्ता रोकने पर प्रदर्शनकारियों में मतभेद
पीएम नरेंद्र मोदी का रास्ता रोकने पर अब प्रदर्शनकारियों में भी मतभेद नजर आ रहा है। मौके पर मौजूद प्रदर्शनकारी ने दावा किया था कि जैसे ही उन्हें पीएम मोदी के इस रूट से आने का पता चला तो उन्होंने स्पीकर से अनाउंसमेंट करवा भीड़ इकट्ठी कर जाम लगा दिया। हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि उन्हें पता नहीं था कि पीएम मोदी यहां से आ रहे हैं। पंजाब पुलिस उन्हें भरोसा नहीं दिलवा सकी। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने भी कहा है कि पीएम का रास्ता रोकने का उनका कोई प्रोग्राम नहीं था।
शाह ने कहा था- जिम्मेदारी फिक्स होगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस मामले में जवाबदेही तय करने की बात कही थी, जिसके बाद माना जा रहा है कि पंजाब पुलिस के अफसरों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
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