पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में पंजाब कांग्रेस दो फाड़ हो चुकी है। पहले पूर्व प्रदेश प्रधान और कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ ने इस पर सवाल उठाए। उसके बाद पंजाब सरकार में मंत्री राणा गुरजीत ने CM चरणजीत चन्नी को कैबिनेट मीटिंग बुलाने की मांग की है। फिरोजपुर से विधायक परमिंदर पिंकी ने इसके लिए DGP को जिम्मेदार ठहरा दिया।
उधर, प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मिलने राजभवन पहुंच गया है। इसके बाद शर्मा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक कांग्रेस प्रायोजित षड़यंत्र था। उन्होंने गवर्नर से मिलकर गृह मंत्री और डीजीपी को बर्खास्त करने की मांग की।
मंत्री और अफसर साथ क्यों नहीं गए, PM रूट की सूचना किसने लीक की
पीएम के स्वागत के लिए CM और 2 डिप्टी CM नहीं आए। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल आए लेकिन पीएम के काफिले में साथ नहीं गए। इसके अलावा चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी भी पीएम के काफिले में नहीं थे। इससे साफ पता चलता है कि सब कुछ पूर्व नियोजित था। पीएम का काफिला वहां से गुजरेगा, इसके बारे में किसने सूचना लीक की।
चीफ सेक्रेटरी और DGP की क्लियरेंस के बाद काफिला वहां से निकला
भाजपा के पंजाब प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि जब चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी ने क्लियरेंस दी कि रोड से जा सकते हैं तो काफिला निकला। उन्होंने कहा कि पीएम के आने से एक दिन पहले मॉक ड्रिल की गई होगी। जिस प्रकार पीएम का काफिला 20 मिनट रुका और उसके बाद वापस लौटा, यहां से पता चलता है कि पंजाब सरकार किस तरह पीएम की सुरक्षा को लेकर नॉन सीरियस थी। हमने राज्यपाल से यह भी मांग की है कि गृह मंत्री और डीजीपी को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।
जनता ही नकार चुकी, राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं की
राष्ट्रपति शासन के मामले पर शर्मा ने कहा कि इस सरकार को जनता पहले ही बर्खास्त कर चुकी है। 4-5 दिन का समय और बचा हुआ है। जिसे जनता ने नकार दिया, अब जनता ही उसे बर्खास्त करेगी। ऐसा हमारा मानना है। कांग्रेस ने पहले भी पंजाब को आतंकवाद में झोंका था। पंजाब को आग लगाकर कांग्रेस राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहती है। हम इस कमेटी को खारिज करते हैं। मुख्यमंत्री सरगना है। उनके द्वारा बनाई कमेटी क्या जांच रिपोर्ट देगी।
पंजाब सरकार की छवि खराब हुई: मंत्री राणा गुरजीत
पंजाब की कांग्रेस सरकार में टेक्निकल एजुकेशन मंत्री राणा गुरजीत ने कहा कि देश के PM किसी भी पार्टी के हों, उनका अपमान नहीं होना चाहिए था। लोग इकट्ठे हों या न हों, यह उनकी पार्टी का मुद्दा है, लेकिन PM का रास्ता रोका जाना गलत है। उन्होंने कहा कि DGP और गृह मंत्री को यह प्रबंध करने थे। PM को सेफ और वैकल्पिक रूट रखना चाहिए था। इस मामले में सुरक्षा में चूक की जिम्मेदारी फिक्स होनी चाहिए। इससे पंजाब सरकार की छवि खराब हुई है। CM को कैबिनेट मीटिंग बुलाकर इस बारे में बात करनी चाहिए।
DGP को यहां कैंप करना था, वह जिम्मेदार, एक्शन लें CM : कांग्रेस MLA पिंकी
विधायक परमिंदर पिंकी ने कहा कि किसानों का विरोध ठीक है, लेकिन DGP का फर्ज था कि उनको अलग रूट देते। PM का कार्यक्रम होता है तो DGP को वहां रहना पड़ता है। अब फरीदकोट और फिरोजपुर के SSP को सस्पेंड करने की बात हो रही है। इसके लिए DGP जिम्मेदार हैं। CM को टाइम बाउंड जांच करवाकर कार्रवाई करनी चाहिए। प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश का होता है।
गृह मंत्रालय ने मांगी है रिपोर्ट
PM नरेंद्र मोदी बुधवार को फिरोजपुर में चुनाव रैली को संबोधित करने जा रहे थे। रैली की जगह से करीब 8 किलोमीटर दूर एक फ्लाईओवर पर PM का काफिला रोकना पड़ा। जहां करीब वह 20 मिनट तक खड़े रहे। जहां PM रुके, वो जगह पाकिस्तान सीमा से कुछ किमी की दूरी पर ही स्थित है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती और इसमें जवाबदेही तय होगी।
CM चन्नी ने चूक से इनकार किया
CM चरणजीत चन्नी ने किसी तरह की सुरक्षा चूक से इनकार किया। उन्होंने कहा कि PM को हवाई मार्ग से जाना था। फिर अचानक प्रोग्राम बदलकर सड़क मार्ग से कर दिया गया। CM ने कहा कि PM पर कोई हमला नहीं हुआ। चन्नी ने उलटा तंज कसा कि 70 हजार कुर्सियां लगाईं, लेकिन सिर्फ 700 लोग आए, जिसकी वजह से रैली रद्द की गई।
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