पंजाब कांग्रेस में अब नवजोत सिद्धू 'वन मैन आर्मी' नहीं रहेंगे। इसकी जगह चुनाव में दिल्ली का भी दबदबा रहेगा। कांग्रेस ने सिद्धू की सिफारिश पर अभी तक पंजाब में जिला स्तर पर प्रधान नियुक्त नहीं किए। इसके बजाय कांग्रेस ने 22 जिला को-ओर्डिनेटरों की नियुक्ति कर दी है।
पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी ने यह नियुक्ति करते हुए सूची जारी कर दी। इसमें कहा गया कि इन को-ओर्डिनेटरों को पंजाब चुनाव के लिए नियुक्त किया गया है। इससे पहले खुद हरीश चौधरी भी पंजाब में डटे हुए हैं। वह राजस्थान सरकार में मंत्री पद भी छोड़ चुके हैं। पंजाब में जीत के लिए कांग्रेस हर तरह के सियासी दांव-पेंच खेलने में जुटी है।
सिद्धू-कांग्रेसियों के विवाद में फंसी लिस्ट
पंजाब में जनवरी 2020 से कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग है। इसके बाद पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने कांग्रेस हाईकमान को लिस्ट भेजी, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद अब मौजूदा कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू ने हर जिले में एक प्रधान और 2 वर्किंग प्रधान की लिस्ट भेजी। उसको लेकर भी कांग्रेसी MLA और सीनियर नेताओं ने ऐतराज जता दिया। जिस वजह से हाईकमान ने यह लिस्ट रोक ली। इसको लेकर राहुल गांधी ने भी दिल्ली में मीटिंग की लेकिन अभी तक इसकी घोषणा नहीं की गई है।
अब टकसाली कांग्रेसी भी आए याद
पंजाब में अब कांग्रेस को टकसाली कांग्रेसी भी याद आने लगे हैं। अभी तक कांग्रेस सिद्धू की हर जिद पूरी कर रही थी। पहले उन्हें प्रधान बनाया। फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटा दिया। हालांकि चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस को इसके 'साइड इफेक्ट' नजर आने लगे हैं। इस वजह से अब सुनील जाखड़ को इलेक्शन कैंपेन कमेटी और प्रताप सिंह बाजवा को मेनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन लगा दिया गया है। जाखड़ टिकट वितरण के लिए नाम शॉर्टलिस्ट करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी में भी रहेंगे, जहां सिद्धू और सीएम चरणजीत चन्नी भी मेंबर हैं।
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