हरियाणा के राजकीय स्कूलों में कार्यरत 13 हजार गेस्ट टीचरों ने सरकार की वादा खिलाफी से दुखी होकर अपने संघर्ष को और तेज कर दिया है। गेस्ट टीचर्स ने 19 दिसंबर को शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करने व शव यात्रा निकालकर पुतला दहन की चेतावनी दी है। पिछले 4 दिन से पूरे हरियाणा में सभी पक्ष विपक्ष के विधायकों को महिलाओं के खून से लिखे ज्ञापन सौंपकर उन्होंने शीतकालीन सत्र में अपने नियमितीकरण की मांग की है।
गेस्ट टीचर संघ की प्रदेशाध्यक्ष मैना यादव ने बताया कि सरकार बार -बार घोषणा करके मुकर रही है, जिससे गेस्ट टीचर्स में भारी रोष है। 11 फरवरी 2018 को मेरे मुंडन के पश्चात 18 फरवरी 2018 की आधिकारिक मीटिंग में मुख्यमंत्री ने समान काम समान वेतन की घोषणा की। लेकिन पत्र जारी नहीं हुआ, फिर वादाखिलाफी हुई। इसके रोषस्वरूप जब मैं पुनः 20 मई 2018 को अनशन पर बैठी तो मुख्यमंत्री के आदेश पर उनके मीडिया प्रभारी अमित आर्य ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया व वेतन व अन्य सुविधाओं का पत्र जारी करने की घोषणा की।
अबकी बार भी मुख्यमंत्री का वह वायदा झूठा साबित हुआ। अतिथि शिक्षकों के हाथ खाली रहे। उसके बाद 1 सितम्बर 2019 को हमारे भाई राजकुमार कालीरमण अनशन पर बैठे। 23 दिन के अनशन के दौरान मुख्यमंत्री के आदेश पर उनके प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में 9 सितम्बर 2019 को मीटिंग हुई। बेसिक वेतन की घोषणा हुई व सर्विसेज रूल्स बनाने हेतु दिसोदिया की चेयर पर्सनशिप में कमेटी बनी। लेकिन फइल ही गुम कर दी गई और आज तक कोई पत्र जारी नही हुआ।
सर्विस रूल के माध्यम से सभी सुविधाएं देने की घोषणा
संग़ठन के महासचिव पारस शर्मा ने आगे बताया कि एक बार फिर मुख्यमंत्री ने 8 सितंबर 2021को एक आधिकारिक मीटिंग में गेस्ट टीचर्स को सर्विसेज रूल्स 2012 के माध्यम से सभी सुविधाएं व मूल वेतन देने की घोषणा अपने ट्वीट व मीडिया के माध्यम से की। साथ ही इस बार संगठन के आग्रह व अधिकारियों से विचार विमर्श करके 30 अक्टूबर 2021 तक दोनों पत्र जारी करने का भरोसा दिलवाया। तीन माह बाद भी जब कोई पत्र जारी नही हुआ तो गेस्ट टीचर्स ने आक्रोश में आकर 19 दिसंबर को शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव व शव यात्रा निकालकर पुतला दहन की चेतावनी दी है।
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