चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा बीते 3 मई को सेक्टर 25 की जनता कॉलोनी के लोगों को 7 दिनों में कॉलोनी खाली करने को कहा गया था। इसके बाद कुछ लोगों ने अपना सामान बांध यहां से जाना शुरु कर दिया है। कुछ लोग अपने कच्चे मकान खुद गिरा कर टीन आदि ले जा रहे हैं। वहीं कुछ लोग अभी भी इन्हीं मकानों में हैं। चंडीगढ़ के एस्टेट ऑफिसर विनय प्रताप सिंह ने बताया कि जल्द ही अवैध मकानों को ढहा सरकारी जमीन खाली करवाने की कार्रवाई यहां पर की जाएगी। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि वह इन मकानों में पिछले 20-22 सालों से यहां रह रहे हैं। कुम्हार कॉलोनी ढहाए जाने के बाद वर्ष 2001 में वह यहां रहने लग गए थे। उनके पास आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि सभी दस्तावेज हैं। कुछ लोगों ने अपने बॉयोमैट्रिक सर्वे के कागज भी दिखाए।
लोगों का कहना है कि प्रशासन को उनके लिए मकान बना कर देने चाहिए। वहीं जो मकान पुनर्वास योजना में खाली हैं उनमें उन्हें योग्यता के आधार पर शिफ्ट करना चाहिए। लोगों ने कहा कि एस्टेट ऑफिस ने उन्हें सिर्फ 7 दिनों का समय दिया। इतने कम समय में उनके लिए अपना सामान लेकर किराए का घर ढूंढना तक बहुत मुश्किल है। उनके बच्चे स्थानीय स्कूल में पढ़ रहे हैं। बड़े बच्चों की बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। एसे में उनकी पढ़ाई का संकट भी खड़ा हो गया है।
शहर की सांसद किरण खेर के खिलाफ नारेबाजी
गौरतलब है कि बीते 3 मई को चंडीगढ़ प्रशासन ने कॉलोनी को अवैध बताते हुए 7 दिनों में इसे खाली करने का आदेश दिया था। प्रशासन के इस चेतावनी वाले बोर्ड को लोगों ने गिरा दिया था। वहीं लोग स्थानीय सांसद किरण खेर के खिलाफ भी नारेबाजी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि चुनावों के दौरान उनके साथ वायदे किए गए। हालांकि अब उनके साथ कोई नेता नहीं खड़ा। लोगों का कहना था कि स्थानीय पार्षद पूनम ने भी उनकी आवाज प्रशासन के समक्ष नहीं उठाई।
इंडस्ट्रियल एरिया, फेज 1 की संजय कॉलोनी को भी गिराने संबंधी बोर्ड प्रशासन ने लगाया था। वहां पर 1 महीने का समय कॉलोनी वासियों को दिया गया था। इससे पहले कॉलोनी नंबर 4 को गिराया गया था। वहां प्रशासन ने करीब 65 एकड़ जमीन खाली करवाई गई थी। चंडीगढ़ के एस्टेट ऑफिसर विनय प्रताप सिंह ने बताया कि जल्द ही अवैध मकानों को ढहा सरकारी जमीन खाली करवाने की कार्रवाई यहां पर की जाएगी।
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