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अगर किसी को डायबिटीज हो जाए तो ताउम्र दवा खाने की बात परेशान करने लगती है। लेकिन पीजीआई के एंडाक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट ने नया ट्रीटमेंट प्लान तैयार किया है। डिपार्टमेेंट की प्रो. रमा वालिया कहती हैं- पीजीआई ने डायबिटीज रिवर्सल प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें 20 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।
जिन मरीजों को दो साल पहले ही डायबिटीज हुई है उनकी लाइफ स्टाइल और खान-पान में कुछ बदलाव और दवाओं के कॉम्बिनेशन से नॉर्मल कर दिया जाएगा। जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज हुए दो साल हुए हैं और उनकी उम्र 18 से 65 साल के बीच है। उन्हें डायबिटीज संबंधी कोई बीमारी जैसे हाईपरटेंशन या किडनी डिजीज आदि नहीं है और वह इंसुलिन पर नहीं हैं, तो वे इस ट्रीटमेंट प्लान में फिट होंगे।
लॉकडाउन में ओपीडी बंद रहने की वजह से लोगों का शुगर लेवल बढ़ गया था। पहले रोज 1500 मरीज ओपीडी में आते थे, अब टेलीमेडिसिन के जरिए 300 ही रह गए थे। ऐसे में हमने ऐसे मरीज जिन्हें डायबिटीज हुए ज्यादा देर नहीं हुई है, उनके लिए डायबिटीज रिवर्सल प्रोग्राम बनाया है। प्रोग्राम में 200 लोगों पर शोध किया जाएगा। तीन महीने के बाद टेस्ट करवाने पर शुगर का लेवल नॉर्मल हो जाता है तो इलाज बंद कर दिया जाएगा, लेकिन मरीज को बदला हुआ लाइफस्टाइल बरकरार रखना होगा।
कैसे होगी ठीक...
चंडीगढ़ के लोगों में ब्लड शुगर लेवल बढ़ रहा है...
प्रो. संजय कुमार बडाडा ने बताया कि चंडीगढ़ के लोगों के ब्लड में शुगर लेवल तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन ने इम्पैक्ट इंडिया-100 डे चैलेंज प्रोग्राम के दूसरे वर्ष की रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ में सितंबर 2020 में औसत एचबीए1सी लेवल 8.39% दर्ज किया गया। शोध में चंडीगढ़ के औसत 53 वर्ष के 2400 लोगों को शामिल किया गया। इसमें 58 फीसदी पुरुष और 42 फीसदी महिलाएं थीं।
पॉजिटिव- किसी भी लक्ष्य को अपने परिश्रम द्वारा हासिल करने में सक्षम रहेंगे। तथा ऊर्जा और आत्मविश्वास से परिपूर्ण दिन व्यतीत होगा। किसी शुभचिंतक का आशीर्वाद तथा शुभकामनाएं आपके लिए वरदान साबित होंगी। ...
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