एससी रोडवेज़ इंप्लाइज यूनियन के प्रतिनिधिमंडल को जातिसूचक शब्द कहने का मामले में गुरुवार को यूनियनों के प्रतिनिधियों ने सेक्टर 17 में प्रधान सचिव राम चंद्रन के पास बयान दर्ज करवाए। रोडवेज यूनियन से करीब 26 कर्मचारी नेता पहुंचे थे। हर यूनियन से एक प्रधान और एक महासचिव अपने बयान दर्ज करवाने आए। करीब दो घंटे की प्रकिया के दौरान एक- एक करके यूनियन नेताओं ने अपने बयान दर्ज करवाए।
करीब दोपहर तीन बजे बयान दर्ज करवाने की प्रकिया खत्म हुई। हालांकि इससे पहले ही 20 दिसंबर को सभी कर्मचारियों ने लिखित में ई मेल के माध्यम से भी अपने बयान भेज दिए थे। गुरुवार को उनकी हाजिरी और इन बयानों को सत्यापन करवाया गया। प्रधान सचिव बयान दर्ज करने के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भेजेंगे।
यूनियन नेता प्रताप भनवाना और जयबीर घणघस का कहना है कि निदेशक पर लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। बता दें कि यह मामला नेशनल एससी कमीशन तक पहुंच गया है। कमीशन के चेयरमैन विजय सांपला से मिलने के लिए दिल्ली आयोग के कार्यालय में शिकायतकर्ता मनोज चहल व यूनियन के अन्य पदाधिकारी पहुंचे थे और प्रतिनिधिमंडल ने जांच अधिकारी को बदलने की मांग रखी थी।
सीएम को सौंपा ज्ञापन
एससी रोडवेज इंप्लाइज संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल सेक्टर 9 करनाल में वाल्मीकि भवन के उद्घाटन समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिला। राज्य महासचिव संदीप कुमार द्वारा परिवहन निदेशक के खिलाफ मीटिंग में संगठन प्रतिनिधिमंडल के साथ जातिय तौर पर अपमानित करने बारे शिकायत पत्र सौंपा गया। प्रतिनिधिमंडल बाद में इस विषय पर सीएम के राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी से भी मिला और शिकायत पत्र सौंपा गया। उन्होंने इस पर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिलाया।
मंत्री की उपस्थिति में हुआ था हंगामा
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की उपस्थिति में रोडवेज यूनियन की मीटिंग नवंबर माह में हरियाणा निवास में बुलाई गई थी। यूनियन का आरोप है कि मीटिंग में रोडवेज विभाग के निदेशक ने उन्हें जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करके बेइज्जत किया। जिसकी शिकायत चंडीगढ़ थाने में दी गई है।
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