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पीयू में अब किसी भी स्ट्रीम का रिसर्च स्कॉलर अपने गाइड की मंजूरी के साथ हॉस्टल में रह सकता है। पीयू ने मंजूरी दे दी है। ये इजाजत अब भी चुनिंदा लोगों को ही दी गई है। फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स, साइंसेज, इंजीनियरिंग और प्रोफेशनल कोर्सेज के पीजी स्टूडेंट्स को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। सेक्टर-25 के हॉस्टलों में रहने वाले रिसर्च स्कॉलर्स को सेक्टर-14 में एडजस्ट किया जाएगा।
सेक्टर-25 में इंटरनेशनल हॉस्टल समेत तीन हॉस्टल अभी तक प्रशासन के पास कोविड केयर सेंटर के लिए रिजर्व हैं। हॉस्टल में रहने की मंजूरी सिर्फ उन स्टूडेंट्स को दी है, जिनका लैब का काम अधूरा है और रजिस्ट्रेशन को 2 साल हो चुके हैं।
डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर वुमन प्रो. सुखबीर कौर के अनुसार जो स्टूडेंट्स 2019-20 के सेशन में हॉस्टल में थे, वे अपने सुपरवाइजर की मंजूरी से रह सकते हैं। जिनकी पीएचडी को पांच साल हो चुके हैं, उन्हें डेली चार्जेज पर ही हॉस्टल अलॉट किए हैं।
स्टूडेंट्स के लिए ये रहेंगी पीयू की शर्तें
रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन ने किया प्रोटेस्ट किया, मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं मिला
चंडीगढ़. पंजाब यूनिवर्सिटी रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन (पुरसा) ने बुधवार को वीसी ऑफिस के बाहर प्रोटेस्ट किया। इसके बाद एक मीटिंग हुई, जिसमें स्टूडेंट्स को आश्वासन तो दिया गया, लेकिन लिखित आदेश में मांगों का कोई जिक्र नहीं है। पुरसा का आरोप था कि सभी यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स में स्टूडेंट्स लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन पीयू में कई बार प्रोटेस्ट के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही।
पिछली मीटिंग में यूनिवर्सिटी ने 15 दिन का समय मांगा था। दो महीने बाद भी कोई फैसला नहीं हो सका है। प्रोटेस्ट के बाद डीन रिसर्च प्रो. वीआर सिन्हा ने डीएसडब्ल्यू वुमन प्रो. सुखबीर कौर और लाइब्रेरियन के साथ पुरसा मेंबर्स से मीटिंग भी की, जिसमें उन्हें ये आश्वासन दिया गया है।
पीयू ने ये दिए आश्वासन
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