CM चरणजीत चन्नी ने कहा कि अकाली सरकार के वक्त ही बिक्रम मजीठिया का नाम ड्रग्स केस में सामने आ गया था। बादल सरकार के वक्त 2013 में यह 6 हजार करोड़ का ड्रग्स केस उजागर हुआ था। उस वक्त पंजाब पुलिस की जिमनी में मजीठिया का नाम लिखा हुआ है। वह शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। अकाली सरकार की वजह से फैले नशे की वजह से ही राज्य को 'उड़ता पंजाब' का ताना सहना पड़ा।
इसके बाद इंटरनेशनल पहलवान जगदीश भोला ने खुलेआम मोहाली कोर्ट में मजीठिया का नाम लिया है। भोला ने मजीठिया को ही कर्ताधर्ता बताया। फिर ED की जांच में मजीठिया का रोल सामने आया। ED ने भी मजीठिया को आरोपी पाया। कोर्ट में ह्यमून राइट्स एक्टिविस्ट एडवोकेट नवकिरन सिंह ने भी केस किया। जिसमें कहा कि ईडी और पंजाब पुलिस के समय में मजीठिया का नाम सामने आया तो सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की।
कैप्टन ने ढंग से पैरवी नहीं की
सीएम चन्नी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में चल रहा था। हाईकोर्ट के कहने पर एसटीएफ के एडीजीपी हरप्रीत सिद्धू ने इसकी जांच की। यह सब 2017 में हुआ। इस मामले में तत्कालीन CM कैप्टन अमरिंदर सिंह और एडवोकेट जनरल ने इसकी सही ढंग से पैरवी नहीं की। हाईकोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट को नहीं खुलवाया गया। अब कैप्टन को मजीठिया के साथ रिश्तेदारी याद आ गई है।
केजरी ने माफी मांगी, सिरसा ने समझौता कराया
सीएम चन्नी ने कहा कि आम आदमी पार्टी मजीठिया पर केस दर्ज करने को चुनाव स्टंट बता रही है। यह वही अरविंद केजरीवाल है, जिसने मजीठिया के आगे घुटने टेक दिए। केजरीवाल ने अमृतसर कोर्ट में माफीनामा दिया था। उन्होंने कहा कि केजरी और भगवंत मान का यह किरदार है। चन्नी ने कहा कि मनजिंदर सिरसा ने ही मजीठिया के साथ केजरीवाल का समझौता कराया था।
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