पंजाब में बाजवा ब्रदर्स के बीच सियासी जंग नहीं होगी। विधायक फतेहजंग बाजवा कादियां सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। यहां से उनके भाई प्रताप सिंह बाजवा कांग्रेस कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। फतेहजंग बटाला सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। अभी भाजपा ने इसकी घोषणा नहीं की है। भाजपा ने गठबंधन में कादियां सीट शिरोमणि अकाली दल संयुक्त को दी है, जहां से सुखदेव ढींढसा की पार्टी शिअद संयुक्त ने मास्टर जौहर सिंह को उतारा है।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए फतेहजंग
फतेहजंग बाजवा कादियां सीट से कांग्रेस के सिटिंग विधायक हैं। इस बार भी वह टिकट के दावेदार थे। पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू भी उनके समर्थन में थे। अचानक सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कादियां सीट पर दावा ठोक दिया। जिसको कांग्रेस हाईकमान ने भी मंजूरी दी। इसका पता चलते ही फतेहजंग ने कांग्रेस छोड़ भाजपा जॉइन कर ली।
यहां थी भाइयों की पुरानी जंग
कादियां में प्रताप और फतेहजंग की यह जंग नई नहीं है। 2012 तक यहां से प्रताप बाजवा ही चुनाव लड़ते रहे हैं। उनकी पत्नी चरणजीत कौर बाजवा 2012 में यहां से MLA रहीं। उसके बाद 2017 में फतेहजंग को यह सीट दे दी गई थी। वह चुनाव जीत भी गए। हालांकि इसके बाद प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य की राजनीति में वापस लौटने का फैसला कर लिया।
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