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पॉवरफुल इंटरव्यू - नवजोत सिद्धू:पंजाब में कांग्रेस का दूल्हा कौन? गुरु बोले- यह तो हाईकमान जाने, लेकिन लोगों को क्लेरिटी होनी चाहिए

चंडीगढ़एक वर्ष पहलेलेखक: मनीष शर्मा
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पंजाब के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी बेशक प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिद्धू, CM चरणजीत सिंह चन्नी और कैंपेन कमेटी के चीफ सुनील जाखड़ की सामूहिक अगुवाई में उतरने का दावा कर रही हो, लेकिन ड्राइविंग सीट पर सिद्धू ही हैं। कैंडिडेट्स से लेकर पंजाब के बारे में कांग्रेस का विजन रखने का जिम्मा सिद्धू ने ही संभाल रखा है। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू का सियासत करने का अलग अंदाज हैं।

सिद्धू का ये स्टाइल कई बार उन्हीं के पार्टी नेताओं को असहज कर देता है, लेकिन सिद्धू इस सबसे बेफिक्र अपनी ‘बैटिंग’ कर रहे हैं। इधर, पंजाब में मतदान में महीनेभर से भी कम समय बचा है और चुनावी सरगर्मियां जोर पकड़ रही हैं। इन्हीं सबके बीच दैनिक भास्कर डिजिटल के वरिष्ठ साथी मनीष शर्मा ने चंडीगढ़ में सिद्धू से अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत की।

  • पढ़िए नवजोत सिंह सिद्धू से बातचीत के मुख्य अंश:

भास्कर : आप हमेशा दूल्हे की बात करते रहे हैं। आम आदमी पार्टी CM चेहरे के रूप में भगवंत मान का नाम अनाउंस कर चुकी है। अब पंजाब जानना चाहता है कि कांग्रेस का दूल्हा कौन होगा?

सिद्धू : देखिए, अभी एक महीना पड़ा है। पिछली बार भी CM का नाम मतदान से 10-12 दिन पहले ही अनाउंस हुआ था। बाकी हाईकमान की हाईकमान जाने, वह हम मीडिया के जरिए नहीं बताएंगे। हां, इतना जरूर है कि पंजाब के लोगों को क्लेरिटी होनी चाहिए कि पंजाब मॉडल को कौन लागू करेगा? और किस तरह से हम इस मॉडल के जरिये लोगों की जिंदगी बेहतर बनाएंगे।

भास्कर : लोग कई दिन से पंजाब मॉडल देख रहे हैं। पंजाब जानना चाहता है कि यह ‘पंजाब मॉडल’ कांग्रेस पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र है या सिद्धू का विजन है? अगर कांग्रेस सरकार बनाती है तो इसे लागू कौन करेगा?

सिद्धू : पंजाब कांग्रेस का प्रधान होने का मतलब है कि यह कांग्रेस का ही विजन है। मैं कोई इंडिविजुअल नहीं हूं। उत्तरदायित्व, योग्यता और ताकत साथ-साथ चलती है। योग्यता मुझ में थी और हाईकमान ने ताकत दी कि हम पंजाब के लिए एक रोडमैप लेकर आएं, जिससे बेहाल पंजाब खुशहाली के रास्ते पर लौट सके। इसलिए मैं इसे पंजाब के लोगों का मॉडल कहता हूं। पंजाब किसी एक की प्रॉपर्टी नहीं है।

भास्कर : पंजाब जानना चाहता है कि इस मॉडल को लागू कौन करेगा?

सिद्धू : इसे लागू मुख्यमंत्री ही कर सकता है। वह कोई भी हो, उसे मान्यता देनी होगी। हाईकमान की मंजूरी होगी। यह मॉडल नीतिबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से लागू होगा। इस पर बहुत रिसर्च हुई है। यह फूलप्रूफ मॉडल है। यह पंजाब का अपना मॉडल है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली के मॉडल को कपड़े पहनाकर पंजाब का कह दिया हो। यह मॉडल 7 साल से तैयार हो रहा है। मैं डेढ़ साल से यह मॉडल दे रहा हूं। अब दिल्ली वाले भी इसका लोहा मानने लगे हैं। अपने मॉडल को पंजाब का बताकर पंजाबियों को गुमराह करने लगे हैं।

भास्कर : आपका पंजाब मॉडल कैसे कारगर होगा?

सिद्धू : यह मॉडल सत्ता पाने के लिए नहीं बल्कि उल्टी राह पर चल रहे पंजाब को सीधे रास्ते पर लाने के लिए है। इसमें माफिया को खत्म करके तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपए कमाए जा सकते हैं। 18 हजार करोड़ रुपए टैक्स लागू करके और 20-25 हजार करोड़ रुपए शराब से कमा सकते हैं। तमिलनाडू इससे 37 हजार करोड़ रुपए कमाता है और हम सिर्फ 4 हजार करोड़ रुपए कमाते हैं।

तकरीबन 3 हजार करोड़ रुपए तो अकेले रेत से कमा सकते हैं। 4-5 हजार करोड़ रुपए केबल से मिल सकते हैं। केबल से 3 हजार करोड़ रुपए तो कहीं नहीं गए। एक से डेढ़ हजार करोड़ रुपए ट्रांसपोर्ट से कमा सकते हैं। इस पैसे को केंद्र सरकार की स्कीम में डालकर डबल करके न केवल पंजाब का कर्जा वापस करें बल्कि पंजाब को वेलफेयर स्टेट में लाएं।

हमने कहा है कि देश में बिजली सस्ती कहीं से लो, हम ट्रांसमिट कर उन तक पहुंचाएंगे। 4-5 हजार करोड़ रुपए होते तो हम पे-कमीशन पहले दिन से दे सकते हैं। डॉक्टरों को उनका भत्ता दे सकते हैं। जितनी आशा वर्कर हैं, उनकी मांगें पूरी कर सकते हैं। टीचरों को पक्का कर सकते हैं। 40-50 हजार रुपए की सैलरी दे सकते हैं। आज जो भी कच्चा वर्कर है, उसे पक्का कर सकते हैं। एक लाख खाली पड़े पदों को भर सकते हैं। पंजाब को आत्मनिर्भर बनाकर यूथ को वापस लाना ही इस मॉडल का मकसद है। पंजाब मॉडल यह नहीं कहता कि खजाना खाली है, बल्कि उसे समृद्ध करने का रोडमैप देता है।

भास्कर : आपके पास प्लान है। उसे लागू कैसे करना है? यह भी आपको पता है। फिर कांग्रेस हाईकमान में हिचकिचाहट क्यों है? क्यों नहीं क्लेरिटी दी जाती कि यह मॉडल नवजोत सिद्धू ही बतौर CM लागू करेंगे?

सिद्धू : देखिए…एक बात समझ लीजिए। मैंने कह दिया कि यह मेरा मॉडल नहीं है। यह हाईकमान का मॉडल है। (पोस्टर की तरफ हाथ करते हुए) फोटो किसकी लगी है? देखो हाईकमान की है। मेरा ठेका नहीं ले रखा कि वह मुझ पर ही भरोसा करें। वह किसी और को ताकत दें, लेकिन जिसे दें इसे वही लागू करेगा। चीफ मिनिस्टर से कम कोई इसे लागू नहीं कर पाएगा। जो खुद खनन करता है, जो राजा खुद व्यापारी है, जो खुद माइनिंग करता है, जो खुद शराब की डिस्टलरियां चलाता है, जो खुद गंदे सिस्टम का हिस्सेदार है, वह कैसे नया सिस्टम खड़ा करेगा? हाईकमान को सब पता है। वह मैच्योर हैं, सही निर्णय लेंगे। और वह जो निर्णय लेंगे, हम बाध्य होंगे।

भास्कर : जो ओपिनियन पोल आ रहे हैं, उस पर आप क्या कहते हैं?

सिद्धू : यह सब 50-50 लाख रुपए में होते हैं। पिछली बार भी ओपिनियन पोल में केजरीवाल को 110 सीटें दिखाई जा रही थीं। मगर चुनाव में झाड़ू मुर्गी के पंखों की तरह बिखर गया। (आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का बिना नाम लिए) उनकी 20 सीटों में से 12 तो हमारे पास आ गई हैं। उनके पल्ले अब 8 सीटें भी नहीं हैं। ‘पल्ले न तेल न कढ़ाही, बनाने चले मिठाई।’ सवाल इतना है कि आप अपोजिशन का रोल भी नहीं निभा सके।

आपका लीडर ऑफ अपोजिशन (LOP) हमारे पास आ गया। आज वह बेचारा जेल में है। उसके बाद आपने दूसरा LOP बनाया। उसके बाद 7-8 लोग हमारे पास आ गए। हमारा तो कोई बंदा छोड़कर आपके पास नहीं गया। अगर गया भी तो आपने उसे MLA का कैंडिडेट बनाया। आपके पास स्ट्रक्चर के तौर पर क्या है? आप सिर्फ कॉपी कैट हो।

भास्कर : पंजाब के CM चन्नी पर ED की रेड पड़ी। कहा जा रहा है कि सिद्धू हमेशा अवैध रेत खनन का मुद्दा उठाते रहे लेकिन अब चुप हैं?

सिद्धू : यह सब बकवास है। मैं पिछले 15 दिन से बोल रहा हूं। रेड तो 3-4 दिन पहले पड़ी है। मैं बोल रहा हूं कि यह राजनीतिक बदलाखोरी है। यह 2018 का केस है।

भास्कर : अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया कहते हैं कि उन पर भी पुराने मामले में केस दर्ज किया गया?

सिद्धू : वह 2018 का केस था। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के ऑर्डर थे। इनको बचाने वाला अंकल था। जिसे यह अंकलजी कहता था, वह कैप्टन अमरिंदर सिंह इनके साथ था। सुबह एक-दूसरे को गाली देते और शाम को फार्म हाउस पर इकट्‌ठे होते थे।

भास्कर : इस पंजाब चुनाव में आप कैप्टन अमरिंदर सिंह की क्या भूमिका देखते हैं?

सिद्धू : चला हुआ कारतूस है। कुछ नहीं है।

भास्कर : कैप्टन आपके खिलाफ बयान देते हैं कि सिद्धू अनस्टेबल हैं। अब वह कह रहे कि मेंटली भी सिद्धू अनस्टेबल हैं। सिद्धू भगवान से बात करने का दावा करता है?

सिद्धू : उसी अनस्टेबल आदमी के लिए कैप्टन ने कांग्रेस के दरवाजे बंद कर दिए थे, लेकिन उन्हें धक्के मारकर निकाला गया। कितनी सही बात कहते हैं।

भास्कर : पंजाब की कई विधानसभा सीटों पर कांग्रेस कैंडिडेट के खिलाफ कांग्रेस नेताओं के ही रिश्तेदार चुनाव मैदान में हैं?

सिद्धू : कहां नहीं होता? अकाली दल में भी है। ढींडसा छोड़कर चला गया। अकाली दल ‘खाली दल’ हो गया। AAP वाले एक-दूसरे को थप्पड़ मार रहे हैं। राघव चड्‌ढा वहां से भागा। परस्पर डेमोक्रेसी में विरोध होता है, मगर इसका मतलब यह नहीं कि आप दूसरों की आवाज ही न सुनें। डेमोक्रेसी में डिफरेंस ऑफ ओपिनियन होता है। यही डेमोक्रेसी है।

भास्कर : चर्चा है कि टिकटों को लेकर कांग्रेस में सहमति नहीं है। आपके और चन्नी के बीच सहमति नहीं बन रही। इसीलिए दूसरी लिस्ट में देरी हो रही है?

सिद्धू : हाथ की पांचों उंगलियां एक जैसी नहीं होती। कोई छोटी तो कोई मोटी और कोई पतली ताे कोई लंबी है, लेकिन जब यह पांचों इकट्‌ठी होती हैं तो कई गुना बोझ उठा लेती हैं। हम भी युनाइटेड हैं। हमने हाईकमान पर छोड़ा है। अगर कहीं भी डिफरेंस ऑफ ओपिनियन है तो हाईकमान फैसला लेता है। सोनिया गांधी अल्टीमेट डिसाइडिंग पॉवर हैं। हम अपना ओपिनियन देते हैं।

भास्कर : चुनाव के लिए पंजाब के लोगों से क्या अपील करते हैं?

सिद्धू : कोई गैर सियासी न रहे। पंजाब को वोट जरूर डालें। ईमानदारी को वोट डालें। किरदारों को वोट डालें। नैतिकता को वोट डालें। जो इस माफिया का हिस्सा है, उसे ठोक डालें। बाद में फिर मत रोना। अगर चोरों को जिताया तो बाद में मत कहना कि हमारा बुरा हाल है। वह देखा है न आपने... 100 हिरणों में एक चीता आता है और एक हिरण को पकड़कर खड़ा हो जाता है। बाकी 99 देखते रहते हैं, पूंछ हिलाते रहते हैं। उनमें से अगर 5 भी इकट्‌ठा होकर ठोकने पर आएं, तो चीता भाग जाए। लोगों को नैतिकता रखनी होगी कि सही लोगों को आगे लाएं। इस बार ईमानदारी और नैतिकता ही सरकार बनाएगी।