पंजाब के 6 हजार करोड़ के ड्रग्स केस में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट में पंजाब सरकार के वकीलों ने कहा कि हाईकोर्ट में STF की सीलबंद रिपोर्ट पड़ी है, जिसे खोलने पर कोई रोक नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने सख्त रूख दिखाते हुए पूछा कि फिर उन्होंने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की?। हालांकि सरकार इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही है। हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि इस मामले में हाईकोर्ट की तरफ से कोई रोक नहीं है तो फिर सरकार अब तक एक्शन क्यों नहीं लिया गया। मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। उसी दिन एसटीएफ की सीलबंद रिपोर्ट को खोलने पर फैसला आ सकता है।
एडवोकेट नवकिरन सिंह के मुताबिक पिछले एडवोकेट जनरल का कहना था कि हमें हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए। वहीं, नए एजी और दिल्ली से आए वकीलों ने कहा कि इस पर कोई रोक नहीं है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार पर ही सवाल उठाए।
मजीठिया इसलिए पहुंचे हाईकोर्ट
पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस केस में उन्हें पार्टी बनाने के लिए कहा है। मजीठिया का कहना है कि एसटीएफ की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में सीलबंद है। इसके बावजूद विरोधी और खासकर पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू इसमें उनका नाम होने का दावा कर रहे हैं। मजीठिया ने पूछा कि सिद्धू को कैसे पता कि उसमें मेरा नाम है। इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने वकील के जरिए मांग की कि किसी तरह की कार्रवाई से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए। हालांकि कोर्ट में उनके वकीलों की दलीलें नहीं टिकी।
सिद्धू अब तक उठाते रहे मुद्दा
नवजोत सिद्धू लगातार STF रिपोर्ट का मुद्दा उठाते रहे हैं। सिद्धू का कहना है कि उसमें ड्रग्स तस्करों के साथ मजीठिया की साठगांठ का जिक्र है। सिद्धू इस मामले में मरणव्रत पर बैठने तक की चेतावनी दे चुके हैं। हालांकि पिछले दिनों दिल्ली में राहुल गांधी के साथ हुई मीटिंग के बाद सिद्धू के सुर बदले हैं। वह सरकार से टकराने की बजाय अब विरोधियों के खिलाफ राजनीतिक मोर्चा खोलकर बैठे हैं।
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