प्राइवेट बस माफिया पर कार्रवाई का दम भरने वाले ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग विवादों में घिर गए हैं। पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंत्री को झटका दिया। अब अकाली नेता हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लो ने कहा कि मंत्री ने HC के आदेश के बाद भी हमारी पूरी बसें नहीं छोड़ी।
बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, गुरदासपुर और अमृतसर के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) के सेक्रेटरी पर मंत्री का प्रेशर है, इसलिए वे बसें नहीं छोड़ रहे। अगर उनकी बसें नहीं छोड़ी गई तो फिर हाईकोर्ट में कंटैप्ट ऑफ कोर्ट की पिटीशन दायर करेंगे।
सरकार की इज्जत बचाने एडवोकेट जनरल को आना पड़ा
चंडीगढ़ में अकाली नेता हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लो ने कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सारे कानून दरकिनार कर हमारे 87 परमिट रद्द कर दिए। हाईकोर्ट में सरकार को बुरी तरह फटकार लगी। यहां तक कि सरकार की इज्जत बचाने के लिए एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया को आना पड़ा। इसके बावजूद राजनीतिक बदलाखोरी की कार्रवाई में सरकार की दलीलें कोर्ट में नहीं टिकी। हाईकोर्ट ने मंत्री के ऑर्डर गलत बता सारे परमिट बहाल कर तत्काल बसें छोड़ने को कहा।
11 बजे ऑर्डर आए, रात 11 बजे छोड़ी कुछ बसें
डिंपी ढिल्लों ने कहा कि HC से हमें सोमवार को सुबह 11 बजे ऑर्डर मिल गए थे। इसके बाद हम उन जिलों के आरटीए सेक्रेटरी से मिले, जहां बसें बंद की गई हैं। हमने पूरा टैक्स चुकाया। NOC भी ले ली, लेकिन मंत्री के प्रेशर में आरटीए सेक्रेटरी बहानेबाजी करते रहे। फिर रात 72 में से सिर्फ 24 बसें छोड़ी गई। बाकी के लिए सेक्रेटरी कह रहे हैं कि मंत्री ने मना किया है।
हमारी तरह 600 बसों के परमिट एक्सपायर
डिंपी ढिल्लों ने कहा कि हमारी बाकी बसें परमिट एक्सपायर होने की बात कहकर नहीं छोड़ी जा रही। पूरे पंजाब में 600 बसों के परमिट एक्सपायर हो रखे हैं। हमारे 20 से 30 साल पुराने परमिट हैं। रिन्यू करने के लिए परमिट फीस भरी हुई है। अब आरटीए को इन्हें रिन्यू करना है तो इसमें हमारा क्या कसूर है। बाकी बसें तो टैक्स डिफाल्टर भी हैं, इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
राजा वड़िंग 'अनकाँपिटेंट मंत्री'
अकाली नेता ने कहा कि राजा वड़िंग 'अनकाँपिटेंट मंत्री' हैं जो पूरी सरकार को जलील करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वड़िंग ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ना है तो वह सीधे चुनाव मैदान में आएं। इस तरह से उनका कारोबार तबाह कर उनके कर्मचारियों का रोजगार न छीनें।
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