ड्रग्स केस में फंसे अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को अग्रिम जमानत मिल गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए। बुधवार को सुबह 11 बजे बिक्रम मजीठिया इन्वेस्टिगेशन जॉइन करेंगे। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस दौरान पंजाब पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी। इस फैसले से पंजाब के CM चरणजीत चन्नी, डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा और कांग्रेस प्रदेश प्रधान नवजोत सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। यह तीनों इसे नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई बताकर चुनावी रैलियों में भुना रहे थे।
चिदंबरम ने पौन घंटे बहस की, एसआईटी मुखी के बेटे के प्रमोशन का भी मामला उठा
सुनवाई में पहले पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने बहस की। मजीठिया के वकील डीएस सोब्ती ने बताया कि चिदंबरम ने करीब 45 मिनट बहस की। इसके बावजूद कोर्ट ने उनकी दलीलों पर सहमति जताई। इस मौके मजीठिया के खिलाफ केस की जांच कर रहे एसआईटी मुखी बलराज सिंह के बेटे प्रिंसप्रीत सिंह को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का भी मुद्दा उठाया गया। एडवोकेट डीएस सोब्ती ने कहा कि हाईकोर्ट को बताया गया कि डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने यह प्रमोशन इनाम के तौर पर दिया है। माना जा रहा है कि यह फैसला भी सरकार के खिलाफ गया।
इससे पहले 5 जनवरी को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस भेजा था। जिसमें उनसे मजीठिया की याचिका पर नोटिस भेज 8 जनवरी तक जवाब देने को कहा गया था। जिसके बाद सरकार ने HC में जवाब सौंप दिया। अहम बात यह है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है। अभी तक पंजाब सरकार नशे को चुनावी मुद्दा बनाने के लिए इस मामले की जोरदार ढंग से पैरवी कर रही थी।
मोहाली कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
इससे पहले मजीठिया ने मोहाली कोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी थी, जिसे सेशन कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मजीठिया पर लगे आरोपों की जांच के लिए कस्टडी में इंटेरोगेशन जरूरी है। यह भी सामने आ रहा था कि पंजाब सरकार मजीठिया पर गैंगस्टरों से संबंधों को लेकर एक और केस दर्ज कर सकती है।
मजीठिया पर गंभीर आरोप
ड्रग्स केस में मजीठिया पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया कि कनाडा के रहने वाले ड्रग तस्कर सतप्रीत सत्ता मजीठिया की अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित सरकारी कोठी में भी ठहरते रहे। यहां तक कि मजीठिया ने उसे गाड़ी और गनमैन दे रखा था। मजीठिया चुनाव के लिए नशा तस्करों से फंड लेते रहे। इसके अलावा दबाव डालकर नशा दिलवाते रहे। नशा तस्करों के बीच समझौते करवाने का भी उन्हें आरोपी बनाया गया है। हालांकि अकाली दल इसे राजनीतिक बदला लेने की कार्रवाई करार देता रहा।
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