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कोठी हड़पने के आरोपी इंस्पेक्टर को राहत:राजदीप के खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पर हाईकोर्ट की रोक; चंडीगढ़ प्रशासन से मांगा जवाब

चंडीगढ़8 महीने पहले
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चंडीगढ़ के सेक्टर-37 की एक कोठी हड़पने के मामले में आरोपी चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर राजदीप सिंह को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिली है। उसके खिलाफ पुलिस महकमे की ओर से शुरू की गई डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए 9 नवंबर तक जवाब मांगा है।

अभी जेल में है इंस्पेक्टर

कोठी हथियाने के मामले में सस्पेंड हो चुका राजदीप सिंह बुड़ैल जेल में बंद है। प्रॉपर्टी हथियाने के इस मामले में पूर्व पत्रकार संजीव महाजन समेत कुल 10 आरोपी हैं। घटना के समय राजदीप सेक्टर-39 थाने का एसएचओ था। उस पर प्रापर्टी हथियाने के मामले में शिकायत मिलने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगे थे। इसी वजह से चंडीगढ़ पुलिस ने उसके खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी शुरू की थी।

कैट कर चुकी याचिका खारिज

दरअसल राजदीप सिंह ने उनके खिलाफ विभाग की ओर से शुरू की गई डिपार्टमेंटल इंक्वायरी को फरवरी 2022 में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में चुनौती दी थी। कैट ने राजदीप की याचिका खारिज कर दी। राजदीप ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की। बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया और जस्टिस विकास सूरी की डबल बैंच ने केस की सुनवाई की। एडवोकेट अर्शदीप सिंह भुल्लर ने राजदीप सिंह की तरफ से पैरवी की। मामले में चंडीगढ़ प्रशासन, डीएसपी एसपीएस सोंधी(जांचकर्ता अफसर) तथा कैट को पार्टी बनाया गया है।

कहा- स्वतंत्र और निष्पक्ष ट्रायल का अधिकार मिले

इससे पहले कैट में दायर याचिका में राजदीप सिंह ने कहा था कि उसके खिलाफ चल रहे आपराधिक केस में वह जेल में बंद है। ऐसे में विभागीय कार्रवाई में वह खुद को अच्छे से डिफेंड नहीं कर पाएगा। उसने मांग की थी कि जब तक उसके खिलाफ ट्रायल चल रहा है तब तक डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पर रोक लगाई जाए। इस संबंध में डीजीपी को भी मांगपत्र दिया गया था।

राजदीप ने यह मांग भी की कि उसे डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में अपने बचाव के लिए वकील दिया जाए। जेल में रहते हुए उसे स्वतंत्र और निष्पक्ष ट्रायल का अधिकार है। कैट ने मई 2022 में दिए अपने फैसले में राजदीप की डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी थी।

कोठी मालिक को बंधक बनाकर पीटने का आरोप

सेक्टर-37 की कोठी हड़पने से जुड़े इस मामले में तत्कालीन SHO राजदीप सिंह भी आरोपी है। संजीव महाजन व अन्य आरोपियों पर कोठी के मालिक राहुल मेहता को मानसिक रुप से बीमार बताकर कैद में रखने और फिर पिटाई कर दूसरे राज्यों के आश्रमों में छोड़ देने का आरोप है। आरोपी असली राहुल मेहता को गुजरात में छोड़ आए और नकली राहुल मेहता को चंडीगढ़ सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में पेश कर कोठी बेचने के फर्जी कागजात तैयार करवा लिए। बाद में घटना का खुलासा होने पर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया। इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस के एक डीएसपी का भाई सतपाल डागर भी आरोपी है। इन सभी के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में ट्रायल चल रहा है।