देश के 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में पंजाब की झांकी शामिल न होने का मामला गरमाता जा रहा है। विपक्ष ने पंजाब और केंद्र दोनों सरकारों को आड़े हाथों लिया है। कहा कि केंद्र सरकार को इस पर फिर से समीक्षा करनी चाहिए। वहीं, पंजाब को भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाना होगा। क्योंकि पंजाबियों को आजादी की लड़ाई में डाले अपने योगदान व सभ्याचार को दिखाने की आज्ञा होनी चाहिए। वहीं, आप ने कहा कि झांकी की पूरी तैयारी कर चुके थे। लेकिन केंद्र ने साजिशन रुकवा दी है।
गौरतलब है कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड में 23 झांकियां देखने को मिलेंगी। इसमें से ज्यादातर झांकियों की थीम नारी सशक्तिकरण को लेकर होगी। इनमें 17 झांकियां देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी जबकि 6 अलग सरकारी मंत्रालयों और विभागों की होंगी। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली की झांकी इस साल परेड में नहीं होगी। पिछले कुछ सालों से झांकी के चयन को लेकर राज्य और केंद्र में टकराव होता रहा है। 2022 में पश्चिम बंगाल की तरफ से प्रस्तावित नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित झांकी का चयन नहीं किया गया था। इसे लेकर पीएम तक काे चिट्ठी लिख दी गई थी। इस बार पश्चिम बंगाल की झांकी को परेड में शामिल किया गया है।
वहीं, 2022 में देश के 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में पंजाब से भारत की आन-बान और शान की झलक दुनिया भर ने देखा था। पंजाब की झांकी में आजादी के आंदोलन की झलक देखने को मिली थी। झांकी में स्वतंत्रता की लड़ाई, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान के साथ उधम सिंह की वीरता को भी दर्शाया गया था।
परेड में 23 झांकियां होंगी शामिल, सूबे के नेता बोले- पंजाब को शामिल करने को दोबारा विचार करे केंद्र
सुखबीर; पंजाब की झांकी रद्द करना हैरानीजनक बात
शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि भारत सरकार की ओर से 74वें गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंजाब की झांकी को रद्द करना बड़ा हैरानीजनक है। इसका मतलब है कि पंजाबियों को आजादी की लड़ाई में डाले योगदान व सभ्याचार को दिखाने की आज्ञा नहीं है। मैं भारत सरकार को फिर से समीक्षा करने की अपील करते हुए सीएम भगवंत मान को भी इस मुद्दे को केंद्र के पास उचित ढंग से उठाने की अपील करता हूं।
बाजवा; पंजाब सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया
नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बेहद दुख की बात है कि पंजाब की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में जगह ही नहीं दी गई है। केंद्र सरकार ने पंजाबियों की कुर्बानियों के इतिहास को अनदेखा किया है। जबकि पंजाब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। पंजाब की झांकी हर साल परेड में शामिल होती है। इस बार अनदेखी क्यों। अभी भी केंद्र सरकार को समीक्षा करनी चाहिए।
अश्वनी; अपनी नाकामी छिपाने को केंद्र पर आरोप लगा रही आप
भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि झांकी में पंजाब की शमूलियत न होना दुखद है। हर बार पंजाब उसमें बेहतरीन प्रदर्शन करता रहा है। इस बार बाहर होना सूबा सरकार की कमी का नतीजा है। केंद्र सरकार की हिमायत करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी नाकामी को छिपाने के लिए आम आदमी पार्टी अक्सर आरोप केंद्र पर ही लगाती है और इस मामले में भी एेसा ही है।
चीमा; झांकी तैयार थी, केंद्र ने पंजाब की कुर्बानियों को अनदेखा किया
वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जानबूझ साजिश के तहत पंजाब की झांकी रुकवाई है। हमनें झांकी में देश के बंटवारे में पंजाबियों की समूलियत, पंजाब का इतिहास आदि को दर्शाया था। झांकी को लेकर पूरी तैयारी भी हो चुकी थी। केंद्र सरकार ने पंजाब की झांकी को परेड में जगह ही नहीं दी। इससे पूरे पंजाब के साथ धोखा हुआ है। गणतंत्र दिवस मौके देश विदेश से लाखों लोग आते हैं, ऐसे में देश की आजादी में सबसे ज्यादा योगदान डालने वाले पंजाब की कुर्बानियों को अनदेखा किया गया है।
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