हरियाणा सरकार ने अर्जुन अवार्डी व पद्मश्री वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान को खेल नीति 2016-17 के तहत नौकरी और अवार्ड राशि देने की मांग पर हाथ खड़े कर दिए हैं। मांग को लेकर सोमवार को पहलवान ने खेल विभाग के निदेशक से मुलाकात की। उनकी मांग पर निदेशक का रवैया उदासीन रहा। अब पहलवान ने मांग न माने जाने पर दिल्ली में PM आवास पर धरना देने की चेतावनी दी है।
झज्जर निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान वर्ष 2016-17 में वर्ल्ड डेफ चैंपियनशिप और डेफ ओलंपिक 2017 में देश के लिए गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। राष्ट्रपति ने उन्हें इसी महीने पद्मश्री से सम्मानित किया है। उन्हें अर्जुन अवॉर्ड भी मिल चुका है। गूंगा पहलवान सोमवार को हरियाणा के खेल निदेशक पंकज नैन से दोबारा मुलाकात करने पहुंचे। उनके भाई रामबीर सिंह ने बताया कि खेल निदेशक ने आश्वासन के विपरीत आज कहा कि उनकी मांग के अनुसार सरकार न तो नौकरी दे सकती है और ना ही कैश अवार्ड।
निदेशक बोले, 2021 खेल नीति से ही नौकरी
भाई रामवीर सिंह ने कहा कि खेल निदेशक पंकज नैन ने उन्हें बताया कि गूंगा को 2016-17 की नीति के तहत नौकरी और अवार्ड राशि नहीं दी जा सकती। खेल नीति 2021 के तहत उन्हें नौकरी और अवॉर्ड राशि दी जाएगी। हरियाणा की खेल नीति 2016-17 में बन चुकी थी और उस दौरान वीरेंद्र उर्फ गूंगा पहलवान गोल्ड मेडल जीत चुके थे। सरकार चाहे तो उसकी जूनियर कोच की नौकरी वापस ले ले। वीरेंद्र देश के लिए खेलते रहेंगे।
तैयारी करे या काटते फिरें चक्कर
रामवीर ने कहा कि अब पहलवान वर्ष 2022 में होने वाले बड़े खेल आयोजनों की तैयारी में लगें या फिर इनके चक्कर काटते रहे। उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे दिल्ली में पीएम आवास के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। मांग पूरी न होने तक उठेंगे नहीं।
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