चंडीगढ़ के साथ लगते मोहाली जिले के खरड़ और जीरकपुर में नए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट शुरू करने को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड(PPCB) ने खरड़ और जीरकपुर में जीरो अनट्रीटेड डिस्चार्ज को सुनिश्चित न कर पाने को लेकर सख्ती दिखाई है। PPCB ने लोकल बॉडी डिपार्टमेंट को कहा है कि इन दोनों शहरों में नए प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी जाए। यह रोक जब तक लगाने को कहा गया है जब तक नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट(STP) स्थापित नहीं कर दिए जाते और चालू नहीं हो जाते।
PPCB लगातार दोनों शहरों की म्यूनिसिपल काउंसिल को घग्घर नदी में सीवेज डिस्चार्ज न किए जाने को सुनिश्चित करने को लेकर रिमाइंडर भेज रहा था। कोई उचित कार्रवाई न होते देख यह आदेश जारी किए गए हैं।
PPCB ने लोकल बॉडी को कहा है कि STP को समय पर लगाए जाने को लेकर पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड के समक्ष खरड़ और जीरकपुर म्यूनिसिपल काउंसिल के संबंधित अफसरों को यह मुद्दा रखने के आदेश देने को कहा गया है।
बता दें कि खरड़ और जीरकपुर में धड़ल्ले से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट बन रहे हैं। बोर्ड ने कहा कि इन शहरों ने अनट्रीटेड वेस्ट कई नालों आदि से होता हुआ घग्घर नदी में जाकर मिल रहा है और पॉल्यूशन फैल रहा है। इन दोनों शहरों से अनट्रीटेड वेस्ट वाटर कुदरती नालों में प्रवाहित होता है। इनमें सुखना चो, सिंह नाला और जयंती की राओ शामिल हैं। यहां से आगे यह घग्घर में दाखिल होता है।
STP की मौजूदा क्षमता काफी कम
जानकारी के मुताबिक जीरकपुर में स्थापित STP की क्षमता 17.3 मीलियन लीटर प्रति दिन(MLD) है। वहीं खरड़ के STP की क्षमता 11 MLD है। मौजूदा समय में यह दोनों STP वाटर पॉल्यूशन लोड लेने ही हालत में नहीं हैं। दोनों शहरों में सीवेज वेस्ट निकलने और उसे ट्रीट करने में 17 MLD का अंतर है। वहीं जानकारी के मुताबिक जीरकपुर और खरड़ में 17 MLD और 10 MLD के नए STP भी बनाए जाने पर काम चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक जीरकपुर और खरड़ की म्यूनिसिपल काउंसिल नए प्रोजेक्ट्स और बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देने की कार्रवाई कर रही थी। वहीं इसमें सीवर लाइंस में ट्रीटेड/अनट्रीटेड वाटर वेस्ट के डिस्पोजल को लेकर NOC भी दी जा रही थी
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