हरियाणा में हुए डेंटल सर्जन भर्ती घोटाले की जांच कर रही स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने सोमवार रात सवा दस बजे तक HPSC के कार्यालय में जांच जारी रखी। विजिलेंस ने एचपीएससी के चेयरमैन आलोक वर्मा और सचिव से भी बातचीत की। विजिलेंस एचसीएस अनिल नागर, नवीन और अश्विनी शर्मा को कार्यालय के प्रथम तल पर बने उसके कार्यालय में ले गई। जहां पर विजिलेंस ने घंटों सर्च की। विजिलेंस ने रिकार्ड की सूची सचिव को सौंपी। टीम दोपहर तीन बजे कार्यालय में पहुंची थी और रात सवा दस बजे रिकार्ड लेकर निकली।
दोपहर को चेयरमैन व सचिव ने की बैठक
विजिलेंस ने एचपीएससी के चेयरमैन व सचिव से भी मुलाकात की। दोनों अधिकारियों ने विजिलेंस के आने से पहले ढाई बजे आपस में मीटिंग भी की। जानकारी अनुसार विजिलेंस ने अनिल नागर की निशानदेही पर 24 एचसीएस अधिकारियों की सूची बरामद की है। यह सूची उसके पर्स से बरामद हुई। इन अधिकारियों का पुराना रिकार्ड जुटाया जा रहा है और ओएमआर शीट निकलवाई गई। साथ ही डेंटल के 16 उम्मीदवारों की ओएमआर शीट भी ली। ये वो लोग है जिन्हें अनिल नागर ने पास किया। टीम ने एक प्रिंटर भी अपने कब्जे में लिया है। हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन आलोक ने बताया कि जांच जारी है। रिपोर्ट आने के बाद ही भर्ती रद्द करने के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
मंगलवार को खत्म होगा रिमांड
इससे पहले सुबह आरोपी नवीन और अश्विनी को कोर्ट में पेश किया। जहां से दोनों का एक और दिन का रिमांड विजिलेंस को मिल गया। तीनों का रिमांड मंगलवार को खत्म होगा। रिमांड मिलने के बाद विजिलेंस नवीन, अश्विनी और अनिल नागर को लेकर हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) के कार्यालय पहुंची और रिकॉर्ड खंगाला। इससे पहले विजिलेंस की टीम ने रविवार को भिवानी के कोंठ गांव में दबिश दी थी। यह गांव नवीन का है। विजिलेंस ने नवीन के घर से कुछ डेंटल फार्म और रोल नंबर बरामद किए थे। देर रात को ही विजिलेंस टीम वापस पंचकूला लौट आई थी। बता दें कि मामले में HPSC के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर और अश्विनी शर्मा भी आरोपी हैं।
विवि कनेक्शन की जांच
मामले में मुख्य आरोपी एचसीएस अनिल नागर का रिमांड मंगलवार को पूरा होगा। रिमांड पूरा होने से पहले पुलिस एक बार फिर से सोमवार को अनिल नागर को अश्विनी शर्मा के सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है, ताकि गिरोह का चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय से जुड़े कनेक्शन का पता चल सके। तीनों आरोपियों ने चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय से जुड़े पवन और देवेंद्र रावत के नाम उजागर किए थे।
रविवार को भिवानी पहुंची थी टीम
विजिलेंस की टीम को भिवानी में नवीन के घर से जो रोल नंबर और डेंटल सर्जन के फार्म मिले हैं, वे नवीन ने अश्विनी शर्मा को दिए थे। 11 में से 8 परीक्षार्थी पास हो गए थे। हिसार के दौलतपुर निवासी नरेंद्र की शिकायत में जिस उम्मीदवार दलबीर सिंह का डेंटल सर्जन का पेपर पास करवाने के लिए रोल नंबर दिया था, उसका भी फार्म मिला है। इस रोल नंबर का डेंटल सर्जन का पेपर पास करवाने के लिए नवीन ने 20 लाख रुपए थे।
आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ
विजिलेंस की टीम ने रविवार को एचसीएस अनिल नागर, नवीन और अश्विनी शर्मा को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूला कि एचसीएस परीक्षा पास करवाने के लिए कुल 16 नाम दिए थे। इसमें से पांच पास हुए थे। 10 नाम नवीन ने दिए थे। पांच नाम पवन और एक नाम देवेंद्र रावत ने दिया था। पवन और देवेंद्र रावत का लिंक भिवानी के चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के साथ है।
नागर के घर से 12 लाख रुपये बरामद हुआ था कैश
विजिलेंस के सर्च अभियान में एचसीएस अधिकारी अनिल नागर के पंचकूला घर से करीब 12 लाख कैश, 50 लाख की कीमत की जमीन के कागज, लैपटॉप और फोन बरामद किया गया। इससे पहले विजिलेंस ने झज्जर से अश्विनी के घर से करीब एक करोड़ आठ लाख रबरामद किए थे। नवीन से करीब 20 लाख बरामद किए थे।
शुरू से लेकर अब तक का घटनाक्रम
डेंटल सर्जन भर्ती में ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने के मामले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर को 90 लाख कैश के साथ उनके कार्यालय से पकड़ा था। यह पैसा अनिल नागर का सहायक झज्जर निवासी अश्विनी देने कपहुंचा था। क्योंकि विजिलेंस ने उसके घर से करीब एक करोड़ आठ लाख रुपये की राशि बरामद की थी। उसने खुलासा किया था कि इसमें से 90 लाख अनिल नागर के हिस्से के हैं। विजिलेंस के कहने पर वह पंचकूला कार्यालय में पैसे देने के लिए पहुंचा और अनिल नागर ने जब उससे कैश लिया तो विजिलेंस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। मामले में सबसे पहले 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन को पंचकूला में ही 20 लाख लेते पकड़ा था।
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