कनाडा में फैमिली रीयूनाइट प्रोग्राम के तहत पंजाब से जाने वाले बुजुर्गों को इमरजेंसी सर्विस लेने में दिक्कतें आ रही हैं। अंग्रेजी न बोल पाने के चलते इमरजेंसी सर्विस 911 के ऑपरेटर समय पर मदद नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
स्टैटिस्टिक कनाडा की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में इमरजेंसी सर्विस 911 पर कॉल कर इंटरप्रेटर सर्विस की मांग करने वाले 3,418 लोगों में से 923 ने पंजाबी में बोलने वाले ऑपरेटर से बात करवाने को कहा। 2020 के मुकाबले 2021 में ये आंकड़ा 105 फीसदी ज्यादा था। बीते साल 67,141 प्रवासी ब्रिटिश कोलंबिया पहुंचे और इनमें से 20 फीसदी पंजाबी थे।
पुलिस, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, शहर का नाम जैसे शब्द अंग्रेजी में बोलने की हिदायत
इमरजेंसी सर्विसेज प्रबंधकों ने पंजाबी परिवारों से अपील की है कि वे घरों में रहने वाले अपने बुजुर्गों को 911 कॉल करने पर पुलिस, फायर, एंबुलेंस, शहर का नाम जैसे शब्द अंग्रेजी में बोलना सिखाएं। अगर उन्हें पंजाबी में मदद की जरूरत है तो वे कम से कम एक शब्द ‘पंजाबी’ जरूर बोलें, ताकि वे तेजी से उनको पंजाबी में बात करने वाले ऑपरेटर से कनेक्ट कर सकें।
911 डायल करने के बाद कई बुजुर्ग चुप हो जाते हैं
ब्रिटिश कोलंबिया सरकार का कहना है कि गैर अंग्रेजी बोलने वाले कई बुजुर्ग जब 911 डायल करते हैं तो वे चुप हो जाते हैं। ऑपरेटर पूछते रहते हैं लेकिन सामने से जवाब नहीं मिलता। ऑपरेटर समझ नहीं पाते कि उन्हें किस तरह की मदद चाहिए। अगर वे लोकेशन इंग्लिश में बता दें तो भी मदद हो सकती है।
दिल्ली के लिए 011 की बजाय 911 डायल कर रहे
करीब 18 फीसदी मामले ऐसे भी देखने को मिले हैं, जिसमें नई दिल्ली (इंडिया) बात करने के लिए 011 की बजाए लोग 911 डायल कर देते हैं। जब ऑपरेटर लोकेशन ट्रेस कर उनके पास पहुंचते हैं तो वे कह देते हैं कि उन्हें दिल्ली बात करनी थी, लेकिन उन्होंने गलती से 911 डायल कर दिया।
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