हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने गुरु नानकदेव के प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीनों खेती कानून वापस लेने की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने सालभर से चल रहे आंदोलन की वजह से किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए पुलिस केस वापस लेने का संकेत भी दिया। मनोहर लाल ने कहा कि जहां आपसी समझ बनती है, वहां कई विषयों पर विचार किया जाता है। कुछ मामले सामान्य होते हैं, जबकि कुछ गंभीर धाराओं में भी दर्ज किए जाते हैं। अब प्रदेश सरकार की ओर से सार्थक पहल की जाएगी और किसी तरह के विवाद को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खेती कानून वापस लेने की घोषणा के बाद कई किसान संगठनों ने आंदोलन की वजह से किसानों पर दर्ज किए गए पुलिस केस वापस लेने की मांग उठाई है। ऐसे में हरियाणा की भाजपा सरकार ने इस दिशा में पहल कर दी है। मुख्यमंत्री ने कई महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों के किसानों से घर लौटने की अपील भी की। मनोहर लाल ने कहा कि तीनों कानून वापस लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री ने उदार चरित्र दिखाया है। इस फैसले से मोदी का कद और बड़ा हो गया।
पीएम की बात पर रखे भरोसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा पर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। कुछ किसान संगठनों ने इसके लिए पीएम की सराहना की वहीं कुछ यूनियन और नेता अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। किसान यूनियनों द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति अविश्वास दिखाने पर सीएम ने कहा कि वह किसानों से आग्रह करेंगे कि अब किसी बात की चिंता न करें और प्रधानमंत्री की घोषणा पर भरोसा रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवा साल पहले केंद्र सरकार छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह खेती कानून लेकर आई थी। ज्यादातर किसानों ने इनका स्वागत किया मगर कुछ किसानों को किसी कारणवश कानून लाभदायक नहीं लगे। ये किसान 11 महीने से दिल्ली की सरहद पर बैठे हैं। आज समाज और किसान हित में पीएम ने तीनों कानून वापस लेने की घोषणा करके उदार हृदय दिखाया है।
फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत नहीं
सीएम ने कहा कि खेती कानून वापस लेने का फैसला एकदम से नहीं लिया गया। इस पर काफी समय से बातचीत चल रही थी। लंबे समय से चल रहे गतिरोध को देखते हुए किसान हित में यह निर्णय लिया गया। इसे चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत नहीं है। चुनाव तो आते रहते हैं।
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