कृषि कानून वापस हो चुके हैं और किसान आंदोलन खत्म होने के नजदीक है। इसके साथ ही कांसल गांव के राजन बैंस के परिवार को उम्मीद है कि अब उनका बेटा भी जूते पहन लेगा। क्योंकि राजन किसान आंदोलन के शुरू होने पर पिछले एक साल से ज्यादा समय से नंगे पांव ही चल फिर रहा है।
राजन का कहना है बेशक तीन कृषि कानून वापस हो चुके हैं, परंतु जब किसान आंदोलन खत्म होगा, तब किसान नेता खुद बूट पहनाने आएंगे। किसान आंदोलन शुरू होने पर चंडीगढ़ के कांसल गांव के 29 वर्षीय राजन बैंस ने संकल्प लिया था कि वह अपने पैरों में जूते तब पहनेगा, जब तीन कृषि कानून वापस होंगे और किसान आंदोलन खत्म होगा।
राजन को चंडीगढ़ के मटका चौक पर होने वाले प्रदर्शन में देखा जा सकता है। दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन में भी वह लगातार नंगे पांव ही भाग ले रहा है। एक साल में राजन के पांव में तीन बार कांच का टुकड़ा भी धंस गया है, जिस वजह से वह कई दिन पैदल चलने में असमर्थ रहा। चिकित्सक के कहने के बावजूद भी उसने पैरों में चप्पल नहीं पहनी।
नंगे पांव ही डील करता क्लाइंट को
चंडीगढ़ में इमीग्रेशन का काम करने वाले राजन बैंस ने बताया कि उसका ऑफिस सेक्टर 34 में है। वह पिछले कई सालों से इमीग्रेशन का काम करता हैं, पंरतु पारिवारिक पृष्ठभूमि किसान परिवार की है। कांसल के आसपास कुछ पुश्तैनी जमीन है। ऑफिस में भी क्लाइंट को नंगे पांव ही डील करता हूं।
कई किसान नेता कर चुके हैं आग्रह
राजन बैंस मटका चौक से लेकर दिल्ली आंदोलन में भी नंगे पांव ही भाग लेता रहा हैं। राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी सहित कई बड़े किसान नेता उससे पैरों में चप्पल या जूते पहने की गुजारिश कर चुके हैं। परंतु राजन का संकल्प है कि जब किसान आंदोलन खत्म होगा, तभी पैरों में जूते या चप्पल पहनेंगे।
बहन और साली की शादी में सूट पहने, बूट नहीं
26 नवंबर 2020 के बाद परिवार में दो शादी समारोह हुए। परंतु इनमें भी राजन ने सूट तो पहने, परंतु पैरों में कुछ नहीं पहना। बहन की शादी भी नंगे पांव ही अटैंड की। बहन की शादी में नंगे पाव होने के कारण करंट भी लग गया। अब तक दो बार करंट लग चुका है। साली की शादी में सूट तो पहने पर बूट नहीं पहने।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.