चंडीगढ़ नगर निगम की विशेष बैठक सेक्टर-17 स्थित नगर निगम ऑफिस में चल रही है। बैठक हमेशा की तरह इस बार भी हंगामेदार है। कांग्रेस और भाजपा पार्षद एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा कर रहे हैं। इस बार बैठक जल्द बुलाने का मुख्य कारण अगले सप्ताह चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू करने पर विचार किया जाना है। जैसे ही बैठक में पेड पार्किंग कंपनियों को राहत देने की बात शुरू हुई।
पार्षदों ने जोरदार हंगामा करते हुए कड़ा विरोध किया, जिसके कारण इस प्रस्ताव को खारिज किए जाने का फैसला लिया गया। इस प्रस्ताव को संशोधित करने के बाद बैठक में दोबारा से लाया जाएगा। ठेका कंपनियों को जुलाई तक लगभग 2 करोड़ लाइसेंस फीस में छूट दी जानी थी। शहर भर में पार्किंग अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए गए थे। पूर्व मेयर व पार्षद देवेश मोदगिल, पार्षद गुरप्रीत ढिल्लों, महेश इंदर सिंह, नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र सिंह बबला और पूर्व मेयर पार्षद आशा जसवाल के विरोध के बाद मेयर रविकांत ने इस प्रस्ताव को खारिज करने का ऐलान किया।
60 मार्केट की पार्किंग चलाने को लेकर चल रही बहस
चंडीगढ़ शहर में फ्री पार्किंग चलाने के लिए मार्केट एसोसिएशनों को देने के मामले में भी भाजपा और कांग्रेस पार्षद आमने-सामने हो गए हैं। नगर निगम ने ऐसी 60 पार्किंगों की पहचान की है, जो कि रोड पर स्थित है। इन पार्किंगों को चलाने के लिए एमओयू तैयार किया गया है। यह एमओयू आज चल रही बैठक में लाया गया, जिसका पार्षदों ने जमकर विरोध किया। अगर इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है तो इसे संचालित करने वाली एसोसिएशन पार्किंग अपने स्तर पर निशुल्क चलाएगी।
नगर निगम के अनुसार इन 60 पार्किंगों को चलाने के लिए पहले से ही एसोसिएशन अपनी सहमति नगर निगम को दे चुके हैं। यह सभी एसोसिएशन व्यापार मंडल के साथ जुड़ी हुई हैं। निशुल्क पार्किंग से अगर कोई एसोसिएशन ग्राहक से शुल्क लेगी तो नगर निगम एमओयू को खारिज कर देगी।
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