हरियाणा में हुए डेंटल सर्जन भर्ती घोटाले के आरोपियों नवीन, अश्विनी और डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर को दोपहर पंचकूला की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों को 26 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बचाव पक्ष के वकील विशाल गर्ग ने बताया कि तीनों आरोपियों को पेश् किया गया था। डीएसपी ने तीन दिन का पुलिस रिमांड मांगा था और कहा कि रोहतक और सोनीपत लेकर जाना है। हमने कोर्ट को बताया कि विजिलेंस पहले पांच दिन के रिमांड के दौरान कहीं पर भी नहीं लेकर गई। विजिलेंस केवल झूठा कबूलनामा लिखवाना चाहती है। बचाव पक्ष के वकील के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने विजिलेस की तीन दिन की रिमांड की एप्लीकेशन को डिसमिस कर दया। तीनों आरोपियों को 26 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दया। बचाव पक्ष के वकील ने बताय कि जज ने सख्ती दिखाई कि आगे से ध्यान रखे। पुलिस रिमांड की एप्लीकेशन हमें उपलब्ध करवा दी गई है।
मंगलवार को पूरा हुआ चार दिन का रिमांड
अनिल नागर का चार दिन का रिमांड मंगलवार को पूरा हो गया है। हालांकि नवीन और अश्विनी का सोमवार को दोबारा से एक दिन का रिमांड लिया गया था। वह भी आज पूरा हो गया, लेकिन विजिलेंस तीनों का दोबारा रिमांड चाहती थी। इसके लिए तीनों की कोर्ट में पेशी के दौरान तीनों को फिर से रिमांड पर देने की मांग रखी गई।अब तक रिमांड के दौरान विजिलेंस ने तीनों आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की। तीनों को पंचकूला स्थित हरियाणा लोक सेवा आयोग के कार्यालय में लेकर गई और 7 घंटे तक सर्च अभियान चलाया। सर्च अभियान के दौरान 24 एचसीएस अधिकारियों और 16 डेंटल सर्जन उम्मीदवारों के रोल नंबर और ओएमआर शीट अपने कब्जे में ली थी। यह रिकॉर्ड आयोग ने विजिलेंस को उपलब्ध करवाया था।
आयोग में सुरक्षा बढ़ी
डेंटल सर्जन भर्ती का खुलासा होने के बाद हरियाणा लोक सेवा आयोग ने सख्त रवैया अपना लिया है। गेट पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है। कार्यालय में आने वाले लोगों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। बिना आईडी दिखाए किसी को अंदर आने की परमिशन नहीं मिलेगी।
अब तक 3 करोड़ 60 लाख रुपए बरामद
डेंटल सर्जन भर्ती में ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने के मामले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने गत गुरुवार को हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर को 90 लाख रुपए के कैश के साथ उनके कार्यालय से पकड़ा था। यह पैसा अनिल नागर का सहायक झज्जर निवासी अश्विनी देने पहुंचा था।
क्योंकि विजिलेंस ने उसके घर से करीब एक करोड़ आठ लाख रुपए की राशि बरामद की थी। उसने खुलासा किया था कि इसमें से 90 लाख रुपए अनिल नागर के हिस्से के हैं। विजिलेंस के कहने पर वह पंचकूला कार्यालय में पैसे देने के लिए पहुंचा और अनिल नागर ने जब उससे कैश लिया तो विजिलेंस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
मामले में सबसे पहले 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन को पंचकूला में ही 20 लाख रुपए लेते पकड़ा गया था। एचसीएस अधिकारी अनिल नागर के पंचकूला घर से करीब 12 लाख रुपए कैश, 50 लाख की कीमत की एक रजिस्टर्ड लैंड के दस्तावेज, लैपटॉप और फोन बरामद हुआ था। मामले में अब तक कुल 3 करोड़ 60 लाख रुपए बरामद हो चुके हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.