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पंचकूला के इंडस्ट्रियल एरिया से सटे जीरकपुर के हरमिलाप नगर के दो हजार से ज्यादा परिवारों के लिए लगाए गए दो ट्यूबवेल्स अब ज्यादा दिन पानी नहीं दे पाएंगे। करीब 10 साल पहले लगे ये ट्यूबवेल्स अब बहुत कम पानी दे पा रहे हैं। शुक्रवार को यहां के रेजिडेंट्स ने जीरकपुर एमसी को शिकायत दी कि यहां नए ट्यूबवेल्स लगाने का काम नहीं किया गया तो आने वाली गर्मियों में हजारों लोग पानी के लिए तरसेंगे।
यहां के रेजिडेंट सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि पिछले एक साल से हम लगातार नया ट्यूबवेल लगाने की डिमांड कर रहे हैं। यहां दो नए ट्यूबवेल लगाने की जरूरत है। फेस-1 में अब लोगों को कभी-कभी इतना भी पानी नहीं मिल पाता कि घर के जरूरी काम किए जा सकें। जीरकपुर में हर साल 10 ट्यूबवेल्स खराब हो जाते हैं। इनमें नाममात्र पानी मिलता है।
ट्यूबवेल लगाने के साथ इनकी मेंटीनेंस प्रॉपर न होने की वजह से ट्यूबवेल्स 10-15 साल में ही जवाब देने लग गए हैं। पिछले 15 सालों में जीरकपुर में 70 से ज्यादा ट्यूबवेल लगे, जिनमें से 20 से ज्यादा फेल हो चुके हैं। अब पिछले साल जीरकपुर एमसी ने शहर के विभिन्न हिस्सों में ट्यूबवेल लगाने के एजेंडे पास किए हैं।
इनमें से अभी तीन पर ही काम शुरू हुआ है। हरमिलाप नगर में भी ट्यूबवेल लगाने के लिए एजेंडा पास किया गया था लेकिन यहां अब तक काम शुरू नहीं हो सका है। लोगों ने कहा कि गर्मियों से पहले यहां एक ट्यूबवेल की सख्त जरूरत है ताकि अगर पुराने दोनों ट्यूबवेल्स फेल भी हो जाते हैं तो नए ट्यूबवेल से काम चलाया जा सकता है।
शहर में पानी की सप्लाई के लिए ट्यूबवेल्स लगाने का काम किया जा रहा है। हरमिलाप नगर में अभी ट्यूबवेल लगाने का काम शुरू नहीं हुआ है।
संदीप तिवारी, ईओ, एमसी जीरकपुर
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