कोरोना काल में स्कूल बंद होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई हुई, लेकिन बोर्ड परीक्षा में जिले का रिजल्ट सामान्य वर्षों की तरह ही आया है। दसवीं में 84.27 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे हैं और प्रदेश में जिले की फोर्थ पोजिशन बनी है। बारहवीं के रिजल्ट में तो जबरदस्त उछाल आया है। कुल 90.76 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे हैं और प्रदेश में जिले की फर्स्ट पोजिशन बन गई है। बारहवीं में प्रदेश के दूसरे जिले में इतने विद्यार्थी सफल नहीं हैं। हालांकि इन सब के बाद भी जिले से एक भी विद्यार्थी मेरिट लिस्ट में स्थान नहीं बना पाए हैं।
दसवीं में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल अंबिकापुर के छात्र समीर सिंह 90 प्रतिशत व बारहवीं में सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय अंबिकापुर की छात्रा बबीता सिंह 90 प्रतिशत अंक अर्जित कर जिले में प्रथम स्थान पर रहे हैं। दोनों कक्षाओं में छात्रों से आगे छात्राएं रहीं हैं। शिक्षा विभाग रिजल्ट को बेहतर बता रहा है। इस साल जिले से दसवीं में 11011 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिसमें 10900 सफल रहे हैं। इसी प्रकार बारहवीं में 9186 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिसमें 8273 उत्तीर्ण रहे हैं। इस साल बोर्ड परीक्षा के लिए होम सेंटर बनाया गया था। यानी जो विद्यार्थी जिस स्कूल में पढ़ रहा था, उसी में उसने बोर्ड परीक्षा दी है।
सत्र के आखिर में सिर्फ चार माह चली क्लास
कोरोना संक्रमण के कारण करीब डेढ़ साल स्कूल बंद रहे थे। बोर्ड परीक्षा को देखते हुए दसवीं व 12वीं के विद्यार्थियों की ऑफलाइन पढ़ाई सितंबर 2021 से शुरू हुई फिर कोरोना की तीसरी लहर में करीब एक महीने स्कूल बंद हो गए थे।
दोनों कक्षाओं में प्रथम श्रेणी के छात्र ज्यादा
इनकी संख्या 50 प्रतिशत है। 10वीं में 9186 विद्यार्थी पास हुए हैं जिनमें 4814 प्रथम श्रेणी में सफल रहे हैं। वहीं छात्राएं अधिक हैं। 12वीं में कुल 8273 परीक्षार्थी पास हुए हैं। प्रथम श्रेणी वालों की संख्या 3579 हैं। इसमें छात्राओं की संख्या अधिक है।
प्रदेश में सूरजपुर जिले का तीसरा स्थान
सूरजपुर जिले में 12 की परीक्षा में 8959 छात्रों में 7852 पास हुए। प्रतिशत 87.71 रहा और जिले का राज्य में तीसरे स्थान रहा। वहीं 88.05 % छात्र व 87.43 छात्राएं पास हुईं। इसी तरह 10वीं में 11597 ने भाग लिया और 9036 पास हुए।
लड़कों से जिले की लड़कियां रहीं आगे
बलरामपुर जिले में 12वी परीक्षा में 8408 स्टूडेंट शामिल हुए।ं 7164 पास हुए। रिजल्ट 85.55% रहा वहीं 87.46% लड़कियां और 83.24 लड़कियां पास हुईं। इसी तरह 10वी में 10054 में 8016 पास हुए। यहां 80.98% लड़कियां शामिल है।
ऑनलाइन पढ़ाई की मॉनिटरिंग, स्कूल खुलते ही एक्स्ट्रा क्लास लगाए
कोरोनाकाल में भले ही क्लास नहीं लगी, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की मानीटरिंग की गई। दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों की उपस्थिति भी ऑनलाइन में सौ फीसदी रहती थी। जब स्कूल खुले तो बोर्ड के परीक्षार्थियों की अतिरिक्त क्लास ली गई। समय-समय पर उनका टेस्ट भी बोर्ड की तर्ज पर लिया गया। इससे तैयारी अच्छी रही और रिजल्ट भी बेहतर आया।- डाॅ. संजय गुहे, डीईओ, सरगुजा
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