हलचल बढ़ी तो प्रवासी पक्षी हुए कम:लटोरी इलाके में सुर्खाब के शिकार का मामला, जाल में फंसा देख सुर्खाब को घर ले गया और पकाकर खाया, गिरफ्तार

अंबिकापुर6 महीने पहले
  • कॉपी लिंक
शिकार के लिए नाव का सहारा। - Dainik Bhaskar
शिकार के लिए नाव का सहारा।

हजारों किमी का सफर तय कर सात समंदर पार से आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए सरगुजा और इससे लगे जिले अनुकूल नहीं रह गए हैं। कुछ साल पहले तक यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी दिखते थे, जो अब गिने-चुने जोड़े ही नजर आ रहे हैं। जो आ रहे हैं, वे भी सुरक्षित नहीं हैं। लखनपुर के कुंवरपुर, घुनघुट्‌टा बांध, बांकी बांध के अलावा लटोरी इलाके में प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में दिखते थे। सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही प्रवासी पक्षियों के लिए भारी पड़ रही है।

जहां प्रवासी पक्षी आते हैं, वहां निगरानी नहीं होती है। ज्यादातर तालाब मछली पालने ठेके पर दिए हैं। वहीं डैम के आसपास पिकनिक के लिए भीड़ और शोर-गुल होने से प्रवासी पक्षी उन स्थानों को छोड़ रहे हैं। मछली पालन के लिए बिछाए गए जाल में प्रवासी पक्षी कई बार बार फंस चुके हैं। एक दिन पहले लटोरी इलाके में सुर्खाब का शिकार किया गया है।

ये है प्रवासी पक्षियों का रूट
हिमालय के उस पार के देशों में बर्फबारी के कारण जब पक्षियों को रहने की जगह और खाने कुछ नहीं मिलता, तो वे भारत के ठंडे क्षेत्रों में आ जाते हैं। सरगुजा में सालों पहले से प्रवासी पक्षी आते रहे हैं। कुछ दिन रहने के बाद ये पक्षी आंध्रा, कर्नाटक सहित गुजरात और मुंबई के समुद्र के क्षेत्र में निकल जाते हैं।

मंगोलिया, रसिया से आते हैं पक्षी
प्रवासी पक्षियों पर काम कर रहे लोगों ने कहा कि सरगुजा में पहाड़ी और ठंड दोनों है। ऐसे में सरकार यहां एक पक्षी विहार विकसित कर सकती है, जिस तरह गिधवा में पक्षी विहार बनाया गया है। सरगुजा में मंगोलिया, रसिया और साइबेरिया से पक्षी आते हैं। लोगों को इसके लिए जागरूक करने की जरूरत है। प्रवासी पक्षी नॉर्थन पिनटेल, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, नॉर्थन शॉलेवर, गढ़वाल, गारगने आदि बतख प्रजाति के पक्षी यहां आते हैं।

सुर्खाब के शिकारी काे दूसरे दिन किया गिरफ्तार
सूरजपुर जिले के लटोरी इलाके के जतरा डैम में एक प्रवासी पक्षी सुर्खाब के शिकार के करने वाले को पकड़ लिया गया है। अफसर से लेकर मैदानी अमले का मोबाइल दिन भर बंद बताता रहा। दूसरी ओर साेशल मीडिया में मामले की जांच करने की मांग प्रकृति व वन्यप्राणी प्रेमी सीएम से करने लगे हैं। वहीं ऐसे पक्षियों की सुरक्षा के लिए पहल करने की मांग भी की जा रही है।

सुर्खाब के शिकारी को पकड़ लिया, उसने कहा- जाल मछली पकड़ने वाले जाल में फंसा था सुर्खाब
सूरजपुर डीएफओ संजय यादव ने बताया कि सुर्खाब के शिकार के मामले में राई निवासी देवीचरण को पकड़ा है। पूछताछ में उसने बताया कि डैम के पास से जब वह गुजर रहा था, तभी मछली के लिए बिछाए गए जाल में सुर्खाब फंसा हुआ था। वह जाल से निकालकर सुर्खाब को घर ले गया और पकाकर खा गया।

डाॅ. हिमांशु ने बताया कि कैसा था वहां का नजारा
लटोरी इलाके में प्रवासी पक्षी सुर्खाब के शिकार का खुलासा डाॅ. हिमांशु ने किया है। हिमांशु पिछले कई सालों से प्रवासी पक्षियों पर काम कर रहे हैं। जब भी छुट्‌टी मिलती है, वे ऐसे क्षेत्रों में निकल जाते हैं। हिमांशु ने बताया कि जहां शिकार हुआ है, वहां सुर्खाब को देखकर रुक गए। दो पक्षियों के उड़ान भरने का नजारा अपने कैमरे में कैद कर ही रहे थे, तभी देखा कि एक शिकारी सुर्खाब का शिकार कर उसे ले जा रहा है।