छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बूढ़ा पहाड़ इलाका... यह करीब 4 दशक तक नक्सलियों के कब्जे में रहा और इस दौरान पूरे इलाके में नक्सल दहशत के कारण एक बार भी तिरंगा नहीं फहराया जा सका। कुछ अरसा पहले बूढ़ा पहाड़ और आसपास के इलाके को फोर्स ने पूरी तरह नक्सलमुक्त कर लिया है। पहली बार, 26 जनवरी को यहां समारोह का अायोजन होगा और तिरंगा लहराएगा। कार्यक्रमों में पुलिस के साथ ग्रामीण भी शामिल होंगे। इससे पहले गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस पर नक्सली यहां काला झंडा फहराते थे।
सरकारी अफसर-कर्मचारियों में भी नक्सलियों ने इतनी दहशत फैला रखी थी कि झंडा फहराना तो दूर, वे गणतंत्र-स्वतंत्रता दिवस समारोह तक नहीं कर पाते थे। पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स यहां एक साल से अभियान चला रही थी लेकिन नवंबर-दिसंबर में फोर्स के ताकतवर कैंपेन ने नक्सलियों के बूढ़ा पहाड़ से पांव उखाड़ दिए।
नक्सली न सिर्फ इस इलाके से भागे, बल्कि गोला-बारूद भी नहीं ले जा सके। यह काफी मात्रा में जब्त किया गया। यही नहीं, अब कब्जा बरकरार रखने के लिए पुलिस और फोर्स ने अलग-अलग स्थानों में बेसकैंप स्थापित कर लिया है। गणतंत्र दिवस पर इन सभी बेसकैंपों के साथ-साथ थाने और चौकियों में ध्वजाराेहण किया जाएगा।
अंतिम गांव तक बनेगी सड़क : पुदांग छत्तीसगढ़ सीमा का आखिरी गांव है। इस बार गणतंत्र दिवस पर फोर्स ने जंगलों में सर्चिंग तेज कर दी है। सड़क निर्माण तेजी से चल रहा है। पुलिस की तैयारी है कि पुदांग तक सड़क बनाने के बाद इसे झारखंड से जोड़ लिया जाए। ऐसा होने से दोनों ओर से आवागमन होगा और नक्सलियों के लिए दोबारा पैर जमाना मुश्किल हो जाएगा।
9 कंपनियों के 500 जवान
बूढ़ापहाड़ इलाके में सीआरपीएफ कोबरा, झारखंड तथा छत्तीसगढ़ पुलिस को मिलाकर 500 से ज्यादा जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। नक्सलवाद लौट न पाए, इसलिए अब प्रशासन ने यहां स्वास्थ्य-शिक्षा सुविधाओं को दुरुस्त करने के साथ-साथ वनरक्षकों और पटवारियों के लिए कार्यालय बनाने का फैसला िकया है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण शुरू होने से काफी राहत मिली है। सड़कें बनेंगी तो दूसरी सुविधाएं आ जाएंगी।
पहली बार ध्वजारोहण
"26 जनवरी को बूढ़ापहाड़ के छत्तीसगढ़ वाले इलाके में तिरंगा फहराया जाएगा। सभी बेसकैंप में गणतंत्र दिवस समारोह होंगे। इस दौरान फोर्स भी मुस्तैद रहेगी।" -मोहित गर्ग, एसपी
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