सोमवार बुद्ध पूर्णिमा की सुबह जब चंद्रमा आपसे विदा लेकर पश्चिमी देशों में उदित हो रहा होगा तब उन देशाें में चंद्रमा पर पृथ्वी की घनी छाया पड़ने से पूर्ण चंद्रग्रहण की घटना होगी। वह तामिया लाल रंग का दिख रहा होगा। इसे ब्लडमून का नाम दिया गया है।
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण(टोटल लुनार इकलिप्स) की यह घटना नार्थ और साउथ अमेरिका के अलावा यूरोप और अफ्रीका के कुछ भागों में दिखाई देगी। यह वेस्ट कोस्ट में शाम 8 से 11 बजे के प्राइम टाइम के बीच पड़ने वाला इस सदी का सबसे लंबी अवधि का पूर्ण ग्रहण होगा। इसलिए इसे सेंचुरी का लांगेस्ट प्राइम टाइम टोटेलिटी कहा जा रहा है। पूर्णता की अवधि 1 घंटे 25 मिनट होगी।
पेरिस, जहांनसबर्ग में दिखेगा पूर्ण चंद्रग्रहण
सारिका ने बताती है कि यह ग्रहण हालाकि भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन वैश्वीकरण के इस दौर में जब अनेक भारतीय युवा अमेरिका में हैं तो वे जब उनकी शाम के आकाश में ग्रहण देख रहे होंगे और तब भारत में बुद्ध पूर्णिमा की सुबह हो चुकी होगी। पूर्ण चंद्रग्रहण रोम, लंदन, जहांनसबर्ग, वाशिंगटन, न्यूयार्क, लॉसएजेंलिस, शिकागो में दिखेगा।
आठ नवंबर को अगला चंद्रग्रहण
इस साल 8 नवंबर में पड़ने वाला अगला चद्रग्रहण भी 1 घंटे 24 मिनट 54 सेकंड की टोटेलिटी का होगा। इसलिए यह एक ही कैलेंडर ईयर में पड़ने वाला मोस्ट बैलेंस पेयर ऑफ टोटल लुनार इकलिप्स है। यह सन 1661 के बाद होने वाली घटना है जो कि अब आगे 2091 में होगी। यह अपने आप में अनोखा और अलग होगा, जिसका इंतजार लोगों को है।
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