आज अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस है। ऐसे में लंबे समय से अलग रह रहे दो परिवार एक हो जाएं, इससे अच्छी खबर और क्या हो सकती है। ऐसा ही हुआ जिला मुख्यालय में शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में।
जहां सुलह एवं समझौते से तलाक छोड़ साथ रहने पर पति-पत्नी राजी हुए, कुटुंब न्यायालय बालोद में ग्राम नाहंदा निवासी ईश्वर पटेल विरूद्द ईशा पटेल का धारा 09 हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत तलाक का प्रकरण वर्ष 2020 से चल रहा है, जिसका प्रधान न्यायाधीश गिरिजा देवी मरावी द्वारा समझाइश देकर दोनों पक्षों को आपसी मतभेदों को भुलाकर एक साथ पूरे परिवार में रहने की समझाइश दी गई, नेशनल लोक अदालत के माध्यम से दोनों पक्ष आपसी सहमति से प्रकरण को समाप्त कर पुनः मधुर संबंध स्थापित करते राजीनामा किया गया|
जिले के सभी न्यायालयों में लगाई गई नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से निराकृत किए गए हैंl प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक व वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों को निराकृत किया गयाl।
पति-पत्नी के मध्य हुआ राजीनामा
ग्राम तमोरा निवासी होमेश्वरि साहू द्वारा अपने पति निर्मल कुमार साहू से धारा 125 द प्र संहिता भरण पोषण का मामला लगभग 2 वर्ष से चला आ रहा था, जिसका न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय बालोद गिरिजा देवी मरावी ने समझाइश देकर दोनों पक्षों के बीच हुए समझौता कराया। 14 मई को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से होमेश्वरी अपनी पुत्री काजल साहू के साथ अपने पति निर्मल कुमार के साथ रहने को तैयार हुई। जन्यायाधीश गिरजा देवी मरावी ने एक साथ रहने की समझाइश दीl
7 खंडपीठों में की गई प्रकरणों की सुनवाई
जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालोद डॉ प्रज्ञा पचौरी के निर्देशानुसार इस लोक अदालत के लिए कुल 7 खंडपीठ का गठन किया गया, इसमें प्री लिटिगेशन के बैंक विधुत जल कर बीएसएनएल व राजस्व न्यायालयों में कुल 12 खंडपीठ का गठन किया गया, जिसमे कुल 10091 प्रकरण रखे गए, जिसमे 10071 प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया गयाl प्री लिटिगेशन के कुल 469 प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया गया।
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