छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को बस्तर दौरे के दौरान मुरिया दरबार में शामिल हुए। उन्होंने आदिवासी संस्कृति को करीब से देखा। इस दौरान CM ने ग्रामीणों के साथ मिलकर बस्तर का प्रसिद्ध मुंडा बाजा बजाया। सांसद दीपक बैज तालियां बजाते दिखे। बस्तर की पारंपरिक वेश-भूषा धारण किए विभिन्न जनजाति के लोगों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया।
दरअसल, बस्तर दहशरे में बाहर रैनी रस्म के दूसरे दिन आज मुरिया दरबार का आयोजन हुआ। जगदलपुर के सिरहासार भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिरकत की। CM का बस्तर के पारंपरिक अंदाज में स्वागत सत्कार हुआ। मुंडा बाजा बजाते हुए ग्रामीण CM को मुरिया दरबार तक लेकर आए। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी बाजा बजाने का आग्रह किया। फिर CM ने भी सभी के साथ मिलकर प्रसिद्ध मुंडा बाजा बजाया। समाज के सदस्य स्वागत और जस गीत गाए।
गानों और मुंडा बाजा की थाप पर CM भी झूमते दिखे। इस दौरान वहां मौजूद सांसद दीपक बैज तालियां बजाते नजर आए। इधर, मुरिया दरबार में मुख्यमंत्री के इस अनोखे अंदाज को देख समाज के सदस्य काफी खुश हुए। कुछ लोगों ने कहा कि, CM हमारी परंपरा में शामिल होते हैं। हमें अच्छा लगता है।
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जानकारी के अनुसार, बस्तर जिले के पोटानारा की एक आदिवासी जनजाति बस्तर का पारंपरिक वाद्ययंत्र मुंडा बाजा बजाने का काम करती है। यह लोग बस्तर दशहरा के समय रथ के आगे चलते हैं और जस गीत गाते हैं। बस्तर के इतिहास में मुंडा बाजा का काफी महत्व रहा है। मुंडा बाजा बजाकर जस गीत गाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
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