देवी-देवताओं के नाम जारी होगा सामुदायिक वन अधिकार पत्र:देवगुड़ी, स्मारक स्थलों को संरक्षित करने के लिए उठाया गया कदम, बस्तर कमिश्नर ने दिए निर्देश

जगदलपुर6 महीने पहले
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बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े ने ली अफसरों की बैठक। - Dainik Bhaskar
बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े ने ली अफसरों की बैठक।

छत्तीसगढ़ के बस्तर में देवगुड़ी, मातागुड़ी, घोटूल, मृतक स्मारकों को संरक्षित करने के लिए सामुदायिक वन अधिकार पत्र संबंधित अब देवी-देवताओं के नाम पर जारी होगा। बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े ने अफसरों की बैठक के दौरान उन्हें निर्देश दिया है। देव स्थलों को संरक्षित करने के लिए कैफियत कालम दर्ज करने राजस्व अधिकरियों के कार्य की सराहना भी की।

बैठक में मौजूद अफसर।
बैठक में मौजूद अफसर।

दरअसल, कमिश्नर श्याम धावड़े को जगदलपुर के संभागायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि, संवेदनशील क्षेत्रों में मनरेगा के अधिक से अधिक कार्य संचालित किया जाए। जिससे योजना के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो। मनरेगा के तहत ग्रामीणों को लघु उद्योगों के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार प्रदान करने के निर्देश कमिश्नर ने दिए हैं।

वन अधिकार मान्यता पत्र धारक किसान और ग्रामीणों को अन्य शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने को कहा है। कमिश्नर ने सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अनावश्यक दस्तावेजों की मांग करने वाले अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश भी दिए।

कोंडागांव ,नारायणपुर के अफसरों की भी बैठक ली।
कोंडागांव ,नारायणपुर के अफसरों की भी बैठक ली।

ओरछा मुख्यालाय में अफसरों को रहने दिए निर्देश

कमिश्नर ने कोंडागांव जिले में मक्का प्रोसेसिंग यूनिट के स्थापना की प्रगति की समीक्षा की गई। इसके अलावा नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक मुख्यालय में अधिकारी-कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ओरछा ब्लॉक मुख्यालय में समय-सीमा की बैठक माह में एक बार अनिवार्य तौर पर आयोजित करने को कहा है। साथ ही बेनूर और छोटे डोंगर में एंबुलेंस की सुविधा प्रदान करने के लिए भी निर्देशित किया।

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