छत्तीसगढ़ के बस्तर वासियों को जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा दिखाने के लिए जगदलपुर टू पुरी रथ यात्रा स्पेशल ट्रेन आज रवाना हुई है। बस्तर के करीब 1 हजार श्रद्धालु इस ट्रेन से पुरी की यात्रा कर रहे हैं। जगदलपुर रेलवे स्टेशन से शाम 6:30 बजे ट्रेन निकली है, जो कल 1 जुलाई को 12:30 बजे पुरी पहुंचेगी। लगभग 7 घंटे के स्टॉपेज के बाद 1 जुलाई की ही रात 8 बजे यही ट्रेन जगदलपुर के लिए रवाना होगी। जो 2 जुलाई की दोपहर 2 बजे पहुंचेगी।
इस स्पेशल ट्रेन से केवल बस्तर जिले से ही नहीं बल्कि संभाग भर के श्रद्धालु सफर कर रहे हैं। गांव से लेकर शहर तक से भक्तों में पुरी जाने के लिए उत्साह देखने को मिला। झारउमर गांव के सरपंच ने बताया कि इस ट्रेन के माध्यम से गांव के 36 लोगों के साथ जगन्नाथ पुरी जा रहे हैं। सरपंच ने कहा कि, रेलवे की तरफ से यह स्पेशल ट्रेन को शुरू करने से समय पर जा कर वापस आ जाएंगे।
जगदलपुर शहर के रहने वाले एक भक्त ने कहा कि, मुझे जैसे ही स्पेशल ट्रेन शुरू होने की जानकारी मिली तुरंत टिकट बुक करवा लिया था। परिवार के साथ दर्शन करने जाने का मौका मिला है। इस स्पेशल ट्रेन की टिकट के लिए जबरदस्त मारा मारी देखने को मिली थी। परिचित के कई लोग पुरी जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें ट्रेन की टिकट नहीं मिली। भक्तों ने कहा कि, रेलवे को इस तरह की और भी ट्रेनें शुरू करनी चाहिए।
विशाखापट्टनम रेलवे मंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि, बस्तर से पुरी के लिए हर साल सैकड़ों श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए जगदलपुर से पुरी तक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। यह स्पेशल ट्रेन इससे पहले भी लगातार 2 सालों तक चली है। यह तीसरी बार है कि श्रद्धालु इस ट्रेन से पुरी जा रहे हैं। जगदलपुर से पुरी तक कुल 29 स्टेशन आएंगे और 30वां स्टेशन पुरी होगा।
ट्रेन में कुल 14 बोगी
इस स्पेशल ट्रेन में 1 थर्ड AC कोच, 9 स्लीपर कोच, जनरल सेकेंड क्लास 2 और लगेज कम ब्रेक वैन के 2 कोच हैं। जगदलपुर से निकलने के बाद पहला स्टेशन ओडिशा का कोटपाड़ आएगा। फिर जयपुर, कोरापुट, दामनजोड़ी, लक्ष्मीपुर रोड, टिकरी, रायगड़ा, पलासा, सोमपेटा, बालूगन, कालूपाड़ा, सखी गोपाल, मालतीपटपुर समेत अन्य कई छोटे बड़े स्टेशन आएंगे। अंतिम स्टेशन पुरी होगा।
लोगों ने की थी मांग
दरअसल, जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर ही जगदलपुर में श्रीगोंचा पर्व मनाया जाता है। करीब 615 सालों से यह परंपरा चली आ रही है।360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के सदस्यों ने बताया कि, महाराजा पुरुषोत्तम देव ने पुरी से लाए गए जगन्नाथ स्वामी के विग्रहों को बस्तर में स्थापित किया था। जिसके बाद से जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर यहां भी गोंचा पर्व की शुरुआत की थी। कुछ साल पहले बस्तरवासियों ने रेलवे से मांग की थी कि रेलवे एक स्पेशल ट्रेन चलाए और जगन्नाथ पुरी का दर्शन करवाए। लोगों की मांग के बाद ही रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाना शुरू किया है।
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