छ्त्तीसगढ़ के जगदलपुर में आदिवासी समाज के सदस्य शुक्रवार को सड़क पर उतर आए। प्रशासन के नोटिस के बाद भी समाज के भवन के सामने स्थित दुकानों को खाली नहीं करवाने पर आक्रोश जाहिर किया। शुक्रवार को समाज के सैकड़ों लोगों ने अग्रसेन चौक के पास चक्का जाम कर दिया। हाथों में सब्बल लेकर दुकानों को खाली करवाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी जबरदस्त झूमाझटकी भी हुई। इधर, देर शाम तक लोग सड़क पर ही बैठे रहे। उन्होंने प्रशासन को चेताया है कि यदि दुकानदार दुकान खाली नहीं करते हैं तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि, अग्रसेन चौक से धरमपुरा जाने वाले मार्ग पर अदिवासी समाज का भवन है। लगभग 40 डिसमिल यह जगह करीब 1982 से समाज की है। उन्होंने बताया कि, अभी जो भवन है उसे रिनोवेट कर यहां समाज का बड़ा भवन बनना है। जिसके लिए करोड़ों रुपए प्रस्तावित भी हैं। भवन के सामने की करीब 10 दुकान किराए पर दिए थे। समाज के लोग पिछले 3 सालों से दुकान खाली करवाने प्रयासरत हैं। लेकिन, फिर भी दुकानदार दुकान खाली नहीं कर रहे हैं। प्रकाश ठाकुर ने कहा कि, दुकान खाली करने प्रशासन ने दुकानदारों को नोटिस भी थमाया था।
जिसके बाद दुकानदारों ने इस मामले को हाई कोर्ट में उठाना चाहा। लेकिन, हाई कोर्ट ने जवाब दिया कि यह मामला यहां चलने लायक नहीं है। इसे कलेक्टर के यहां अपील करो। दुकानदारों ने कलेक्टर कोर्ट में अपील की और अपील 22 सितंबर को खराजी हो गई। अपील खारिज होने के बाद प्रशासन ने दुकान खाली करने नोटिस दिया था। फिर भी दुकान खाली नहीं की गई। इसके बाद इस मामले को लेकर आज विरोध प्रदर्शन किया गया है। विरोध होने के बाद प्रशासन ने दुकान खाली करने 2 दिन का समय दिया है।
3 घंटे तक चला बवाल
इस मामले को लेकर आदिवासी समाज के लोगों ने करीब 3 घंटे तक चक्का जाम किया। दुकान खाली करवाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी जबरदस्त झूमाझटकी हुई। समाज के लोगों का कहना है कि यहां हमारा बड़ा भवन बनेगा तो इसका फायदा पूरे बस्तर वासियों को होगा। समाज के लोग बस अध्यक्षता में भारी संख्या में अभी आते हैं उनके लिए कहीं ठहरने की जगह नहीं होती। सड़कों के किनारे में डेरा जमाए रहते हैं। ऐसे में भवन बनेगा तो उन्हें भी काफी सहूलियत होगी। यदि दुकान खाली नहीं करवाई जाती है तो आने वाले समय में भी दशहरा करवाना भी प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाएगा।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.