छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में प्रस्तावित नवीन पुलिस कैंप के विरोध की चिंगारी फिर से उठने लगी है। मंगलवार को 13 ग्राम पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में तीर-धनुष समेत पारंपरिक हथियार लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने विशाल रैली निकाली। साथ ही जनसभा का भी आयोजन किया। महिला, पुरुष, बच्चे दिन भर आंदोलन में जुटे रहे। बताया जा रहा है कि, पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीणों का यह आंदोलन 3 दिनों तक चलेगा।
दरअसल, अबूझमाड़ इलाके के कलमानार, कस्तूरमेटा, कुतुल, दुरबेड़ा, पद्ममकोट, घमंडी, कोहकामेटा, कच्चापाल, मुरनार, करमरी, राजपुर सहित अन्य गांव के ग्रामीण इकरभट्टी में इकट्ठा हुए। सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में पुलिस कैंप खोलने का विरोध किया। ग्रामीणों ने कहा कि यदि इलाके में पुलिस कैंप खुलेगा तो उनके लिए परेशानी बढ़ जाएगी। फोर्स गांव में घुसेगी और फर्जी मुठभेड़ करेगी। झूठे नक्सल मामलों में ग्रामीणों को गिरफ्तार किया जाएगा। महिलाएं, ग्रामीण आज जंगल में वनोपज इकट्ठा करने आराम से घूमते हैं। फोर्स का मूवमेंट होगा तो उनके लिए परेशानी बढ़ेगी।
अबूझमाड़ के गांवों में सुरक्षाबलों का कैंप खुलना प्रस्तावित है। ये ऐसा इलाका है जो पूरी तरह से माओवादियों के कब्जे में है। पुलिस का मानना है कि, यदि यहां कैंप खुलता है तो इसका सीधा फायदा इलाके के लोगों को मिलेगा। क्योंकि गांव में सड़क, अस्पताल, स्कूल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं इन इलाकों के ग्रामीणों को मिल सकेगी। साथ ही अबूझमाड़ के इस इलाके से भी माओवादी कुछ हद तक बैकफुट हो जाएंगे। वहीं इस क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि हमें पुलिस कैंप और सड़क का चौड़ीकरण नहीं चाहिए।
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