छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों ने बीजापुर पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है। माओवादी नेता ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि, पुलिस ने निहत्थे ग्रामीण की हत्या की है। इसके अलावा माओवादियों ने कुछ घायल ग्रामीणों की तस्वीर भी जारी की है। ग्रामीणों का आरोप है कि, जवानों ने बुर्जी में आंदोलन में बैठे ग्रामीणों की बेरहमी से पिटाई की है। हालांकि, ग्रामीणों की पिटाई की बात को बीजापुर के SP ने सिरे से नकार दिया है।
दरअसल, पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव और हार्डकोर माओवादी मोहन ने प्रेस नोट जारी किया है। मोहन ने कहा कि, तिमेनार इलाके का रहने वाला रंजू मड़काम पुलिस को आता देख डर की वजह से जंगल की तरफ भागने लगा था। जिसे जवानों ने घेर कर मार दिया। निहत्थे ग्रामीण की हत्या की गई, फिर इसे मुठभेड़ में ढेर होना पुलिस ने बताया। जिसके पास से विस्फोटक भी बरामद होने की बात पुलिस ने कही थी।
घायलों की जारी की तस्वीर
माओवादी नेता ने कहा कि, पिछले 1 साल से बीजापुर जिले के बुर्जी, पुसनार और बेचापाल में ग्रामीण पुलिस कैंप के विरोध में शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन पर बैठे थे। कुछ दिन पहले देर रात करीब 50 की संख्या में जवान पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों की बेरहमी से पिटाई कर दी। माओवादियों ने घायलों की तस्वीरें भी जारी की है। जिसमें कइयों के शरीर में चोट के निशान हैं।
SP ने पिटाई से किया इनकार
इधर, बीजापुर के SP अंजनेय ने ग्रामीणों के इन आरोपों को सिरे से नकारा है। उन्होंने कहा कि, इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। ग्रामीणों की पिटाई का मामला झूठा है। जब हमने उनसे वीडियो के बारे में जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि, मेरे पास ऐसी कोई वीडियो नहीं आई है, जिसमें ग्रामीणों की पिटाई हो रही हो। साथ ही पूर्व मंत्री महेश गागड़ा को बुर्जी गांव जाने से रोके जाने वाले सवाल पर कहा कि उनको सिक्योरिटी मिली है। इसलिए हम रिस्क लेना नहीं चाहते थे।
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