छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में रेल आंदोलन के दूसरे चरण की शनिवार से शुरुआत हो गई है। बस्तर संभाग के अलग-अलग इलाकों से पहुंचे विभिन्न समाज के लोगों ने जगदलपुर रेलवे स्टेशन के सामने धरना दिया। साथ ही रावघाट से आगे जगदलपुर तक पटरियां बिछाने का काम जल्द शुरू करने की मांग की। केंद्रीय रेल मंत्री के नाम अपनी मांग का पत्र स्थानीय प्रशासन को भी दिया। दरअसल, कुछ महीने पहले अंतागढ़ से जगदलपुर तक पदयात्रा कर इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
बस्तर रेल आंदोलन के सदस्य संपत झा ने कहा कि, बस्तर के नागरिक पिछले 60 सालों से जगदलपुर को राजधानी रायपुर से रेल मार्ग के माध्यम से जोड़ने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए प्रस्ताव भी पास हुआ। दल्लीराजहरा से जगदलपुर तक रेल लाइन बिछाने का निर्णय लिया गया। करोड़ों रुपए की स्वीकृति भी दी गई। फिर दल्लीराजहरा से रावघाट तक रेल लाइन बिछाने का काम भी पूरा कर दिया गया। लेकिन, अब रावघाट से आगे जगदलपुर तक पटरियां बिछाने का काम रुका हुआ है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि, बस्तर के लोग लगातार रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग पूरी करने कह रहे हैं। लेकिन, जिम्मेदार अब तक कोई उचित कदम नहीं उठाए हैं। इसलिए आज शनिवार को जगदलपुर रेलवे स्टेशन के सामने संभाग के सभी धार्मिक संगठन के लोग, विभिन समाज के सदस्य एकत्रित हुए और आंदोलन में बैठे। रेल आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत की गई है। अफसरों को केंद्रीय मंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया है।
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आंदोलनकारियों के मुताबिक, 9 मई 2015 को केंद्र सरकार ने अनुबंध के दूसरे चरण रावघाट से जगदलपुर को पूर्व योजना से अलग कर दिया। जिसके बाद पुनः नया अनुबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बस्तर प्रवास के दौरान उनकी उपस्थित में हुआ था। जिसमें NMDC, SAIL, IRCON और CMDC ने मिलकर बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी। जिसने यह जवाबदारी ली थी कि साल 2022 तक जगदलपुर तक रेल मार्ग का काम पूर्ण कर लिया जाएगा। लेकिन, अब तक काम पूरा नहीं हुआ है।
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