नगरनार में रहने वाले एक युवक पदमन सेठिया ने बस्तर थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवक के अनुसार बस्तर थाने मंे उसे दो दिन तक पकड़कर रखा गया और उसके कपड़े निकालकर पीटा गया। जब युवक ने बाइक चोरी का गुनाह कबूल नहीं किया और दो दिन की जांच में जब वह निर्दोष साबित हो गया तो पुलिस ने उस पर धारा 109 लगाकर उसे नायब तहसीलदार के न्यायायलय में पेश कर दिया। यहां नायब तहसीलदार ने जब युवक की कहानी सुनी तो उसे जमानत पर रिहा कर दिया।
पदमन ने रविवार को एक पत्रवार्ता आयोजित कर आरोप लगाया कि 31 जुलाई को जब वह नगरनार में बाजार में होटल में नाश्ता कर रहा था। तभी बस्तर थाने के चार पुलिस वाले पहुंचे और उसे गाड़ी में बिठाकर बस्तर थाने ले आए। पदमन ने बताया कि यहां उससे एक बाइक जो उसने बस्तर में ही रहने वाले एक युवक के पास गिरवी रखी थी उसके संबंध में पूछताछ की गई। पुलिस वाले बार-बार जोर दे रहे थे कि वह बाइक चोरी की है। मैं उन्हें कह रहा था कि गाड़ी चोरी की नहीं है बल्कि मेरे नाम से आरटीओ में रजिस्टर्ड है।
पुलिस वालों ने दो दिन तक थाने में बंद रखा। कपड़े उतार कर पीटा और दबाव डालते रहे कि मैं यह कबूल कर लूं कि गाड़ी चोरी की है। इस बीच पुलिस वालों ने जब आरटीओ दफ्तर से गाड़ी के संबंध में जानकारी निकाली तो गाड़ी मेरे ही नाम से रजिस्टर्ड निकली। इसके बाद पुलिस वालों को मुझे छोड़ देना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और मुझ पर धारा 109 की कार्रवाई की गई।
युवक पर कार्रवाई सही फिर भी जांच करवा लेंगे
इधर भानपुरी एसडीओपी घनश्याम कामड़े ने कहा कि युवक के ऊपर जो कार्रवाई हुई है वह बिल्कुल सही है, लेकिन यदि युवक कोई आरोप लगा रहा है तो इसकी भी जांच करवा ली जाएगी।
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