छत्तीसगढ़ में 17 जून को सर्व आदिवासी समाज प्रदेशव्यापी जेल भरो आंदोलन करने जा रहा है। समाज के लोगों का कहना है कि प्रदेश में सरगुजा से लेकर बस्तर में चल रहे आदिवासी आंदोलनों में अब तक सरकार की तरफ से किसी तरह का न्याय नहीं मिला है, इसी वजह से प्रदेशभर के आदिवासियों में आक्रोश है। अब प्रदेश के आदिवासी समाज के लोग सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में समाज की बैठक हुई थी जिसमें आंदोलन के लिए सहमति बनी थी।
सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि, बस्तर के सुकमा-बीजापुर जिले की सरहद पर स्थित सिलगेर में मई 2021 में जवानों ने निर्दोष ग्रामीणों को गोली मारी थी। मारे गए लोगों को नक्सली बताया गया था। जांच के बाद पता चला था कि वे किसान और गांव के ग्रामीण थे। लेकिन, अब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई है। न्याय की मांग को लेकर सैकड़ों आदिवासी आंदोलन में बैठे हुए हैं।
समाज के लोगों ने कहा कि, सरगुजा के हसदेव अरण्य परसा कोल को लेकर ग्राम सभा और प्रदेशभर के विरोध के बाद भी आदिवासी गांवों को उजाड़ा जाएगा। लाखों पेड़ काट दिए जाएंगे। इस काम को पूर्णतः बंद करने की मांग को लेकर अब प्रदेश स्तरीय जेल भरो आंदोलन करने के लिए समाज के सदस्य सड़क पर उतरेंगे।
बालोद में भी विरोध
समाज का आरोप है कि, बालोद के डौंडी ब्लॉक में तुएगोंदी में आदिवासी समाज के सदस्य पारंपरिक पूजा कर रहे थे। वहां गुंडे बुलाकर तलवार, लाठी, कांच की बोतलों और पत्थर से हमला किया गया था। जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। जान से मारने की धमकियां दी गईं थी। इसका विरोध भी किया गया था। लेकिन, आरोपियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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