पेड़ पौधे की कटाई से पशु-पक्षियों का अस्तित्व खतरे में है। छोटे-मंझले व बड़े शहरों में कांक्रीट के जंगल उग आने से पक्षियों के अस्तित्व को खतरा है। पेड़-पौधे को काटकर नए भवन व गोदाम बनाए जा रहे हैं। ऐसे में पक्षियों को घोंसला बनाने के लिए शहरों में पेड़ नहीं मिलने से वे बिजली के खंभों को आशियाना बना रहे हैं।
बेमेतरा में जनपद पंचायत दफ्तर के पीछे ट्रांजिट हॉस्टल के समीप एक बिजली खंभे पर इसी तरह सल्हई चिड़िया ने बारिश से बचने व नन्हे परिंदों की सुरक्षा के लिए अपना घोंसला बनाया है। पक्षी पर्यावरण का संतुलन बनाने, कीट-पंतगों व चूहों के प्रकोप से फसल नुकसान होने से बचाने में मदद करते हैं। पर्यावरण संतुलित रखते हैं। कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से भी पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है।
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