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जिले के 18 सरकारी व निजी कॉलेजों में विभिन्न संकायों में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की वार्षिक परीक्षा पर कोरोना का साया रहेगा। हालांकि जनरल प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा। लगातार दूसरे साल यह स्थिति बनेगी। पिछले साल रेगुलर स्टूडेंट्स असाइनमेंट जमा किए थे तो प्राइवेट वाले ऑनलाइन परीक्षा दिलाए थे।
इस माह या मई से फर्स्ट और सेकंड ईयर की परीक्षा ऑनलाइन और फाइनल की ऑफलाइन हो सकती है। इसके लिए विश्वविद्यालय की बैठक में सहमति बन चुकी है। लीड कॉलेज के प्राचार्य जेके खलको ने बताया कि परीक्षा किस माध्यम से लिया जाना है इसके लिए उच्च अफसरों की बैठक हो चुकी है लेकिन अभी आदेश जारी नहीं होने के कारण कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
संभवत: तीन दिन में वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी जब आदेश जारी होगा। फिलहाल यह जानकारी मिली है कि इस बार प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा ऑनलाइन और फाइनल ईयर की ऑफलाइन करने की तैयारी चल रही है। इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। वहीं वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षा भी एक साथ ही लेने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्य सरकार को भेजा है।
शासन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तय करेगा
बढ़ते कोरोना को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने उनसे परीक्षा के मोड को लेकर विचार और प्रस्ताव मंगाए थे। अब परीक्षा किस माध्यम से लिया जाना है, यह शासन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तय करेगा। वैसे एक माह पहले जब स्थिति ठीक थी तब यूजीसी ने ऑफलाइन परीक्षा के आदेश जारी किए थे। इसके बाद कोविड का संक्रमण बढ़ने से स्थिति बदल गई। अब आगे सभी कॉलेज के प्राचार्यों को यूजीसी और उच्च शिक्षा विभाग के आदेश, निर्देश मिलने का इंतजार है।
फाइनल ईयर की परीक्षा ऑफलाइऩ लेने की तैयारी
पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर को छोड़कर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग सहित अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा ऑनलाइन और फाइनल की ऑफलाइन लेने का प्रस्ताव भेजा है। तर्क दिया गया है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अंतिम वर्ष के छात्रों को छोड़कर सभी की परीक्षा ऑनलाइन हो। पिछले साल ऐसा किया जा चुका है। ऐसे में फाइनल ईयर के छात्रों की ऑफलाइन परीक्षा ली जा सकती है।
शासन तय करेगा आगे क्या करना है: डॉ. पल्टा
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने बताया कि शासन ने परीक्षा को लेकर प्रस्ताव मांगे थे। हमने प्रथम और द्वितीय वर्ष की ऑनलाइन और फाइनल की ऑफलाइन का प्रस्ताव भेजा है। फाइनल की ईयर की डिग्री के बाद बच्चे दूसरे राज्यों में जाते हैं। ऑफलाइन परीक्षा जरूरी है। परीक्षा के संबंध में 9 मार्च को कलेक्टोरेट व लीड कॉलेज मंे पहुंचकर स्टूडेंटस व छात्रसंघ पदाधिकारियों ने आवेदन देकर आॅनलाइन वार्षिक परीक्षा कराने की मांग की थी।
कॉलेज के स्टूडेंट्स की यह तीन प्रमुख मांगें इसलिए
1. ऑनलाइन ही पढ़ाई हुई है। इसमें भी नेटवर्क के चलते कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। कई स्टूडेंट्स क्लास अटेंड नहीं किए।
2. अगर ऑफलाइन परीक्षा लेनी ही है तो 30 प्रतिशत अंकों की हो। 70 प्रतिशत अंक पिछले सत्र में उत्तीर्ण कक्षाओं के अंकों के आधार पर दिया जाए।
3. कोरोना के चलते शुरू से लेकर अब तक पढ़ाई प्रभावित है। कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। निर्धारित तारीख से एक माह बाद परीक्षा हो।
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