तांदुला डेम का जलस्तर 9 फीट होने के साथ ही शहर में पेयजल संकट भी दूर हो गया है। लोगों को फिल्टर पानी मिलना शुरू हो गया है। दरअसल डेम में 12 से 14 जुलाई के बीच रुक-रुककर हुई बारिश से जलस्तर में 0.70 फीट का इजाफा हुआ है।
इस दौरान लगभग 300 मिलियन क्यूबिक मीटर यानी 30 लाख लीटर से ज्यादा पानी डेम में भरा। जिसके बाद गेट खोलकर बालोद वासियों के पीने के लिए पानी छोड़ा गया। जो फिल्टर होकर पहुंच रहा है। जिसकी पुष्टि सिंचाई व पीएचई विभाग ने की है।
जलस्तर बढ़ने व दूसरी छोर का पानी गेट की ओर आने का फायदा यह हुआ कि पीएचई ने 7वीं बार जब यहां का सैंपल लेकर जांच किया, तो पानी फिल्टर कर पीने योग्य निकला। इसके पहले 6 बार जांच रिपोर्ट में फिल्टर व पीने योग्य नहीं था। जिसकी पुष्टि पीएचई ने की है। लिहाजा अब शहर के 3 हजार से ज्यादा घरों के नलों में फिल्टर पानी की सप्लाई शुरू कर दी गई है। इससे शहरवािसयों को राहत मिली है।
आप ऐसे समझें- 6 बार की जांच रिपोर्ट फेल क्यों और सातवीं बार की रिपोर्ट में पानी पीने योग्य कैसे...?
पीएचई व सिंचाई विभाग के अनुसार तांदुला डेम का सूखा नाला जो सूख चुका था, उसमें अब पानी भर गया है। पहले गेट रिपेयर के लिए बोरियों का घेरा बनाया गया था, इसलिए पानी स्थिर था, साथ ही मिट्टी ज्यादा मात्रा में थी। अब जलस्तर बढ़ने व देऊर तराई छोर का पानी गेट की ओर आने से पहले व अब का पानी साफ मिल रहा है।
जून में गेट मरम्मत से लेकर 12 जुलाई के पहले 6 बार पानी की जांच हुई, जो फिल्टर व पीने योग्य नहीं था। मंगलवार को जब पानी की जांच हुई तो फिल्टर व पीने योग्य था। बुधवार को विभागीय अफसरों ने संपवेल, ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण भी किया। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने व्यवस्था दुरूस्त करने निर्देश दिए है। वहीं बारिश के कारण तांदुला डेम का जलस्तर बढ़ने से 3 जिले के लिए उम्मीद भी जगी है।
जरूरत अनुसार छोड़ेंगे पानी, एनीकट भर चुका
सिंचाई विभाग के एसडीओ सीएम मोरवी ने बताया कि गेट खोला गया था, एनीकट में पानी भरना था, यह हो चुका है। पहले नीचे में गंदा पानी भरा था, अब जलस्तर बढ़ने व दूसरे छोर से पानी आने के कारण पहले जैसी स्थिति नहीं है। पानी साफ हो गया है। इसलिए शहरवासियों के पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध कराने एक दिन के लिए गेट खोले थे। जरूरत अनुसार पानी छोडेंगे।
सब कुछ सही होने के बाद ही होगी पानी की सप्लाई
पीएचई के ईई आरके धनंजय ने कहा कि अब शहर में पेयजल संकट दूर हो गया है। डेम का पानी फिल्टर होकर घरों के नलों में पहुंच रहा है। अब डेम का पानी साफ हो गया है। 3-4 दिन में 30 लाख से ज्यादा लीटर पानी डेम में भरा है। सब कुछ सही होने के बाद ही सप्लाई की जा रही है।
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